छठि गीत मैथिली लोकगीत Chhathi Geet Maithili Lokgeet Lyrics

 डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै / मैथिली लोकगीत छठि 

डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै
उगऽ हो सुरुज देव,
अरघ केर बेर
हो पुजन केर बेर
मालिन बेटी फूल नेने ठाढ़ छै
उगऽ हो सुरुज देव,
अरघ केर बेर
हो पुजन केर बेर
निर्धन-कोढ़ी बाट-घाटे ठाढ़ छै
उगऽ हो सुरुज देव
अरघ केर बेर
हो पुजन केर बेर
पान-सुपारी पकबान नेने ठाढ़ छै
विप्र नेने ठाढ़ छै
उगऽ हो सुरुज देव
अरघ केर बेर
हो पुजन केर बेर

अपने तऽ जाइ छऽ हो भैया / मैथिली लोकगीत छठि 


अपने तऽ जाइ छऽ हो भैया, देश रे बिदेशबा
हमरो लय लबिहऽ भैया गहुमा सनेसबा
आबि गेलै हो भैया, छठि सनर बरतिया
गहुम तऽ छै गे बहिन, बड़ रे महगबा
छोड़ि दहिन गे बहिन, छठि सन बरतिया
दीनानाथ देलखिन हो भैया, भाइ रे भतिजबा
हम कोना छोड़बै हो भैया, छठि सन बरतिया
ससुरा मे देलखिन हो भैया, सासु-ससुरबा
आरो जे देलखिन हो भैया, सीथ भरि सिनुरबा
हँसैत कनैत रहै कोखि के बलकबा
हम कोना छोड़बै हो भैया, छठि सन बरतिया
करबै करबै हो भैया, छठि सन बरतिया
अपने तऽ जाइ छऽ भैया, देश रे बिदेशबा
हमरा लय लबिहऽ भैया, केरा सनेसबा ...
नेने अबिहऽ हो भैया, नारिकेर सनेसबा
नारिकेर तऽ छौ गे बहिन, बड़ रे महगबा
छोड़ि दहिन गे बहिन, छठि सन बरतिया
बेचि देबै हो भैया, हाथ के कंगनमा
खरीद लेबै हो भैया, केरा-नारिकेरबा
कैये लेबै हो भैया, छठि सन बरतिया

कांचहि बांस केर गहबर / मैथिली लोकगीत छठि 

कांचहि बांस केर गहबर
आहे सोबरन लागल केबाड़
ताही मे सँ निकलय सुरुजमनि
आहे कोने दाइ उखम डोलाउ
अरघक बेर भेल हे
भिनसरक पहरमे डोमिन बेटी हे
बेटी घनी दउरिया लऽ आउ
अरधक बेर भेल हे
बेटी पियरे कनसुपती लय आउ
पुरुब रंथी ठाढ़ भेल हे
भिनसरक पहरमे बनिआइन बेटी हे
बेटी धनी सुपारी लय आउ
अरघक बेर भेल हे
भिनसरक पहरमे तोहें मालिन बेटी हे
बेटी धनी सतरंगा फुल-हार लय आउ
अरधक बेर भेल हे
भिनसरक पहरमे तोहें ब्राह्मण देव हे
ब्राह्मण पियरे रंग जनउआ लय आउ
अरधक बेर भेल हे


हमरो पर होइऔ सहाय / मैथिली लोकगीत छठि 

हमरो पर होइऔ सहाय, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
चारि पहर राति जल-थल सेबलौं
सेबलौं छठि गोरथारि, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
अपना लय मंगलौ अन-धन लछमी
जुग-जुग मांगल अहिबात, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
घोड़ा चढ़य लेल बेटा एक मंगलौं
मांगल घर-सच पुतोहु, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय
बयन बिलहै लेल बेटी एक मांगल
मांगल पंडत जमाय, हे छठि मइया
हमरो पर होइऔ सहाय

हमरो के पार लगैया / मैथिली लोकगीत छठि 

हमरो के पार लगैया, परमेसरी मइया
आबऽ हो दीना नाथ भैया,
हमरो के पार लगैया
कथी के दियरा मइया, कथी सुत-बाती
कओने छै लेसबैया, परमेसरी मइया
सोना के दियरा मइया, पाट-सुत बाती हे
अबला नारी लेसबैया, परमेसरी मइया
कथी के नइया मइया, कथी करुआरि हे
किनकर भार लदबैया, परमेसरी मइया
सोना के नइया मइया, रूपा करुआरि हे
नारियल-केरा लदबइया, परमेसरी मइया
लियौ-लियौ अर्घ मइया, होइऔ सहैया
सब दिन पार लगैया, परमेसरी मइया


बेर-बेर अरजलौं हे दीनानाथ / मैथिली लोकगीत छठि 

बेर-बेर अरजलौं हे दीनानाथ
दीनानाथ तिरिया जनम जुनि देहु
तिरिया जनम जँ देलौं हे दीनानाथ
दिनानाथ सुन्नरि रूप जुनि देहु
सुन्नरि रूप जँ देलौं हे दीनानाथ
दीनानाथ अमरुख पुरुख जुनि देहु
अमरुख पुरुख जँ देलौं हे दीनानाथ
दीनानाथ कोखिया बिहुन जुनि देहु
कोखिया बिहुन जँ केलौं हे दीनानाथ
दीनानाथ सौतिन संग जुनि देहु
सौतिन संग जँ देलौं हे दीनानाथ
दीनानाथ से कोन अपराध हम कयल
बड़ अपराध तोहेँ कयलऽ हे भक्तिन
भक्तिन सासुक निपल पयर देल
कोन अपराध हम केलौं हे दीनानाथ
दीनानाथ सुन्नरि रूप जे देल
बड़ अपराध तोहेँ कयलऽ हे भक्तिन
भक्तिन ननदी पर अंगुरी उठौल
कोन अपराध हम केलौं हे दीनानाथ
दीनानाथ अमूख पुरुख जे देल
बड़ अपराध तोहेँ कयलऽ हे भक्तिन
भक्तिन डाबा दूध पयर धोल
कोन अपराध हम केलौं हे दीनानाथ
दीनानाथ कोखिया बिहुन जे कयल
बड़ अपराध तोहेँ कयलऽ हे भक्तिन
भक्तिन कोनियामे भाँटा तोड़ि लेल

केरबा जे फड़ल छै घौदसँ / मैथिली लोकगीत छठि 

केरबा जे फड़ल छै घौदसँ
ओइ पर सूगा मड़राय
मारबौ रे सुगबा धनुखस
सूगा खसय मुरुझाय
सुगनी जे कानय विरोगसँ
आदित होउ ने सहाय
नेमुआँ जे फड़ल छै घौदसँ
ओइ पर सूगा मड़राय
मारबौ रे सुगबा धनुखसँ
सूगा खसय मुरुझाय
सुगनी जे कानय विरोगसँ
आदित होउ न ेसहाय
काँचहि बाँस केर बँहिगा
ओइ मे रेशमक डोर
भरिया से फल्लाँ भरिया
भार नेने जाइ छै
बाटहि पुछै बटोहिया
ई भार किनकर जाइ
आन्हर छही रे बटोहिया
ई भार छठि माइ के जाइ
ई भार दीनानाथ के जाइ

हाथ सटकुनियाँ हो दीनानाथ / मैथिली लोकगीत छठि 

हाथ सटकुनियाँ हो दीनानाथ, पयर खड़ाम
कान्ह जनउआ हो दीनानाथ, चलि भेला मन्दीर
गोबर आनऽ गेलिए हो दीनानाथ, गइया के बथान
गइया के चरबहबा हो दीनानाथ, लेल लुलआय
दूरे रहुँ दूर गे बाँझिन, मोरा गइया होयत बाँझ
ओतऽ सऽ जे एलिऐ हो दीनानाथ, देहरी बैसल झमाय
कोने अपगुणिये हो दीनानाथ, बंझिनियां पड़ल नाम
सूप आनऽ गेलिऐ हो दीनानाथ, डोमा अंगना
डोमा के बेटा हो दीनानाथ, लेल लुलुआय
दूरे रहुँ दूर गे बाँझिन, मोर पुतोहुआ होयत बाँझ
ओतऽ सऽ जे एलिऐ हो दीनानाथ, देहरी बैसल झमाय
कोन अवगुणिये हो दीनानाथ, बँझिनियाँ पड़ल नाम
दीप लेसैते हो दीनानाथ, चुटकी खिआयल
धूप लेसैते हो दीनानाथ, चुटकी खिआयल
धूप लेसैते हो दीनानाथ, तरहथ खिआयल
तैयो ने छुटलै हो दीनानाथ, बाँझीपद नाम
सासु मारै ठुनका हो दीनानाथ, ननदि पढ़ै गारि
परक जनमल गोतनी हो दीनानाथ, उलहन दै
पुत्र जे देबौ गे बाँझिन, गौरब जुनि कर
गौरब जे करबेँ गे बाँझिन, छिनिये लेब
पुत्र जे देबै हो दीनानाथ, छीनि जुनि लेब
बाँझी पद छुटतै हो दीनानाथ, मरौछी पड़तै नाम


कोन जल पटेबऽ मालिन / मैथिली लोकगीत छठि 

कोन जल पटेबऽ मालिन, बेली-चमेली
मालिन कोन जल पटेबऽ अड़हुल फूल
नदी जल पटेबै हे बरतिन, बेली-चमेली
बरतिन गंगाजल पटेबै अड़हुल फूल
कोन सूत गथबऽ मालिन, बेली-चमेली
मालिन कोन सुत गथबऽ अड़हुल
रेशम सुत गथबै बरतिन बेली-चमेली
बरतिन सोन सुत गथबै अड़हुल
किनका पहिरयबऽ हे मालिन बेली चमेली
मालिन किनका पहिरयबऽ अड़हुल फूल
सूर्य के पहिरयबनि बरतिन बेली-चमेली
बरतिन दीनानाथ पहिरयबनि अड़हुल फूल

अंगना में पोखरि खुनायल / मैथिली लोकगीत छठि 

अंगना में पोखरि खुनायल
छठि मइया अयतन आइ
दुअरा पर तमुआ तनायल
छठि मइया अयतन आइ
अँचरा सऽ गलिया बहारब
छठि मइया अयतन आइ
केरबा के आनब डाला भरि
तै पर पियरी ओढ़ायब
छठि मइया अयतन आइ
हथिया पर कलशा बैसायब
तै पर दीया जगमगाय
छठि मइया अयतन आइ

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