ना-काम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम / 'अहसन' मारहरवी

ना-काम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम
मजबूर हैं के लड़ नहीं सकते ख़ुदा से हम

होंगे न मुनहरिफ़ कभी अहद-ए-वफ़ा से हम
चाहेंगे हश्र में भी बुतों को ख़ुदा से हम

चाहोगे तुम न हम को न छूटोगे हम से तुम
मजबूर तुम जफ़ा से हुए हो वफ़ा से हम

आता नहीं नज़र कोई पहलू बचाव का
क्यूँकर बचाएँ दिल तेरे तीर-ए-अदा से हम

तुम से बिगाड़ इश्क़ में होना अजब नहीं
अंजाम जानते थे यही इब्तिदा से हम

इल्ज़ाम उन के इश्क़ का ‘अहसन’ ग़लत नहीं
नादिम तमाम उम्र रहे इस ख़ता से हम

श्रेणी: ग़ज़ल

Comments

Popular posts from this blog

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित