देवठणी के गीत : हरियाणवी लोकगीत Devthani Ke Geet: Haryanvi Lok Geet
ओरै धोरै धरी दातनां
ओरै धोरै धरी दातनां
ये भरपाई तेरी साथनां
ओरै धोरे धरी दातनां
जीवो भरपाई तेरी साथना
ओरै धोरै धरे अनार
ओरै धोरै धरे अनार
ये भई सिब्बू तेरे यार
ओरै धोरै धरे अनार
जीवो भई सिब्बू तेरे यार
डाभ कटाओ हे
डाभ कटाओ हे
डाभ कटाय कै
जेवड़ी बंटाओ हे
जेवड़ी बंटाय के पिलंग भराओ हे
पिलंग भराए कै देवां नै सुआओ हे।
हे दे सुत्तीड़ा साढ मास
हे दे सुत्तीड़ा साढ मास, हे दे उट्ठीडा कात्यग मास
उठूं सूं उठावां सां, छींके हाथ घलावां सां
छींके धरी चार कचोरी, आप खा के बाहमण दीजै
आप खा लाहा हो, बाहमण दीजै कहा हो
बाहमण नै दीजै बुड्डी सी गां, आगे पिच्छोकड़ मूते वा
हे दे सोई हे साड़’र मास
हे दे सोई हे साड़’र मास, हे दे उठा हे कात्यक मास
हे तम पीलंग भरा के देयां नै सुवाओ
हे तम देयां नै सुवा कै गंगा जी पहुंचाओ
हे तम गंगा जी पहुंचा के गौ धरम कराओ
हे तम गौ धरम करा के खीर रंधाओ
हे तम खीर रंधा के बीपर जिमाओ
हे तम बीपर जिमाके दिछणा दिलाओ
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