हरि, पतित पावन सुने / भजन Hari, Patit Pavan Sune lyrics in Hindi

हरि, पतित पावन सुने / भजन 

Hari, Patit Pavan Sune lyrics in Hindi


मैं हरि, पतित पावन सुने ।
मैं पतित, तुम पतित-पावन, दोउ बानक बने॥

ब्याध गनिका गज अजामिल, साखि निगमनि भने।
और अधम अनेक तारे, जात कापै गने॥

जानि नाम अजानि लीन्हें नरक जमपुर मने।
दास तुलसी सरन आयो राखिये अपने॥

Comments

Popular posts from this blog

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल