Quote of Yun Fusse यून फ़ुस्से के कोट्स उद्धरण

यून फ़ुस्से के कोट्स उद्धरण 

 
  • हम मात्र एक, ‘भटकन’ हैं, अपनी आत्मा के विशाल दृश्यों में कोई अर्थ ढूँढ़ते हुए।
  • हमारे शब्दों के बीच जो जगहें हैं, उनमें छिप कर रहता है सत्य और झूठ प्रकट होता है।
  • प्यार, आशा और निराशा के बीच एक काँपता हुआ पुल है।
  • दुःख, साथी है सुख का। जीवन की अलग-अलग ऋतुओं में वे साथ नृत्य करते हैं।
  • हमारे अस्तित्व का आधार हमारी वह इच्छा है जिसे हम संबंधों में ढूँढते हैं।
  • जिन शब्दों को हमने कहा नहीं, उनमें ही सबसे गूढ़ अर्थ छुपे हैं।
  • भाषा हमारे विचारों को परिभाषित करती है, लेकिन मौन हमारी आत्मा को पोषण देता है।
  • हम जीवित तो हैं, लेकिन हम जी नहीं रहे, हम और आप। लेकिन हम उस अद्वितीय, अनंत क्षण की आशा ज़रूर रखते हैं।
  • हमारे भीतर जो अन्धकार है, वही अन्धकार रात के आकाश में भी है। दोनों के अपने-अपने रहस्य हैं। प्रकट होने की प्रतीक्षा में।
  • दूसरों को सचमुच समझने के लिए, हमें पहले ख़ुद को समझना होगा।
  • ‘चुप्पी’ की ताकत, हमारे होने की गहराई का पता लगाने में होती है, जहाँ शब्द नहीं पहुँच पाते।
  • यदि हम वे कहानियाँ नहीं हैं, जो हम ख़ुद को सुनाते हैं, तो फिर हम कौन हैं?
  • हर मुलाक़ात हमारे अस्तित्व को एक नया आकर देती है। लोगों से मिलने के बाद हम सदैव के लिए परिवर्तित हो जाते हैं।
  • समय एक विह्वल नदी है, जो हमें अस्तित्व की धाराओं के बीच से ले जाती है।
  • हमारे घाव हमारी सहनशीलता के स्मरण हैं। जो युद्ध हमने लड़े और जीते, वे उनकी कथाएँ कहते हैं।
  • भीतर जो शून्य है, उसका आलिंगन हो। यही वह है जो अनंत संभावनाओं को जन्म देता है।
  • जिन जवाबों की हमें तलाश थी, उन्हें हम अक्सर अपनी चुप्पियों में पाते हैं।
  • दुनिया एक मुश्किल जगह है, लेकिन सरलता इसमें है कि हम इस दुनिया को देखते कैसे हैं।
  • हमारा अस्तित्व, अनंत विशालता में एक नाज़ुक प्रतिध्वनी है।
  • किसी भी चीज़ के, ‘मायने’ का प्रश्न, हर मानव प्रयास के पीछे की शक्ति है।

  Quote of Yun Fusse 


  • Hum maatr ek, 'bhatkan' hain, apni aatma ke vishal drishyom mein koi arth dhoondte hue.
  • Hamare shabdon ke beech jo jagahen hain, unmein chhup kar rehta hai satya aur jhooth prakat hota hai.
  • Pyar, asha aur niraasha ke beech ek kaampata hua pull hai.
  • Dukh, saathi hai sukh ka. Jeevan ki alag-alag rituon mein ve saath nritya karte hain.
  • Hamare astitva ka aadhaar hamari vah ichchha hai jise ham sambandhon mein dhoondte hain.
  • Jin shabdon ko hamne kaha nahin, unmein hi sabse gudh arth chhupay hain.
  • Bhasha hamare vicharon ko paribhashit karti hai, lekin maun hamari aatma ko poshan deta hai.
  • Hum jeevit to hain, lekin hum jee nahin rahe, hum aur aap. Lekin hum us advitiy, anant kshan ki asha zaroor rakhte hain.
  • Hamare bhitar jo andhkaar hai, wahi andhkaar raat ke aakaash mein bhi hai. Dono ke apne-apne rahasya hain. Prakat hone ki pratiksha mein.
  • Doosron ko sachmuch samajhne ke liye, humein pehle khud ko samajhna hoga.
  • 'Chuppi' ki taqat, hamare hone ki gehraai ka pata lagaane mein hoti hai, jahan shabdon nahi pahuch paate.
  • Yadi hum ve kahaniyan nahin hain, jo hum khud ko sunate hain, to phir hum kaun hain?
  • Har mulaaqat hamare astitva ko ek naya aakar deti hai. Logon se milne ke baad hum sadaiv ke liye parivartit ho jaate hain.
  • Samay ek vihwal nadi hai, jo humein astitva ki dhaaron ke beech se le jaati hai.
  • Hamare ghaav hamari sahansheelta ke smaran hain. Jo yudh hamne laye aur jeetey, ve unki kathayen kehte hain.
  • Bheetar jo shunya hai, uska aalingan ho. Yahi vah hai jo anant sambhavnayon ko janm deta hai.
  • Jin jawaabon ki humein talash thi, unhein hum aksar apni chuppiyon mein paate hain.
  • Duniya ek mushkil jagah hai, lekin saralta ismein hai ki hum is duniya ko dekhte kaise hain.
  • Hamare astitva, anant vishaalta mein ek naazuk pratidhvani hai.
  • Kisi bhi cheez ke, 'maayne' ka prashna, har manav prayaas ke peeche ki shakti hai.

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