सोहाग गीत बघेली लोकगीत Vivah Geet Lokgeet Bagheli Lyrics
ऊंची टिकुरिया सोहगिया के बगिया / बघेली सोहाग गीत
ऊंची टिकुरिया सोहगिया के बगिया
सोहगिया के लम्मे लम्मे पात
राजा के सोहागवा
ओही व्है के निकरै हैं दुलहे कउन सिंह
बांधे केशरिया कै पाग
भितरे से निकरी है धेरिया कउन कुंवरि
पूंछै दुलैरूवा से बात
राजा के सोहागवा
काहे रंगी साहेब तुम्हरी पगड़िया
काहे रंगे दांत तुम्हार
राजा के सोहागवा
कुसुम रंग रंगी धना हमरी पगड़िया
पनवा रचे मोरे दांत
राजा के सोहागवा
काहे रंग रंगी धना तुम्हरी चुनरिया
काहे भरी तुम्हरी मांग
पियरी रंगी है साहेब हमारी चुनरिया
सेन्दुरा भरी मोरी मांग
राजा के सोहागवा
पाँच बधनवा कै टटिया बंधावा हो / बघेली सोहाग गीत
पाँच बधनवा कै टटिया बंधावा हो
मड़ये मा दिहा ओढ़काय
राजा के सोहागवा
टटिया ओलटि कै आई अजिया कवन कुंवरि
देखि लेउ नतिनी सोहाग
राजा के सोहागवा
नतिनी सोहाग बहुत निक लागइ
जुग जुग बढ़इ सोहाग
राजा के सोहागवा
टटिया ओलट व्है के देखें आई माया कवन कुंवरि
देखि लेउं बिटिया सोहाग
राजा के सोहागवा
बेटियां सोहागवा बहुत निक लागइ
जुग जुग बाढ़इ अहिबात
राजा के सोहागवा
टटिया ओलटि व्है के देखै आई काकी को कउन कुंवरि
देखि लेउं बेटी के सोहाग
बेटी कै सोहागवा बहुत निक लागइ
जुग जुग बाढ़इं अहिबात
राजा के सोहागवा
चिरई रे सोबई चुनगुन रे / बघेली सोहाग गीत
चिरई रे सोवई चुनगुन रे सोवई
सोइ गे नगरवा के लोग
राजा के सोहागवा
एक नहीं सोये हैं अजवा कउन सिंह
जेखे घरे नतिनी कुंवारि
राजा के सोहागवा
चिरई के सोवइं चुनगुन रे सोवई
सोइ गे नगरवा के लोग
एक नहीं सोये हैं बपवा कउन सिंह
जेखे घरे बिटिया कुंवारि
राजा के सोहागवा
चिरई रे सोवइ चुनगुन रे सोवई
सोइ गे नगरवा के लोग
एक नहि सोये हैं भइया कउन सिंह
जेखे घरे बहिनी कुंवारि
राजा के सोहागवा
सिकिया कै डड़िया सजावा / बघेली सोहाग गीत
सिकिया कै डड़िया सजावा मोरे भइया
सजावा मोरे भइया
कि लइ चला कमरू के देश
राजा के सोहागवा
कमरू के देशवा चन्दन बड़ा रूखवा
चन्दन बड़ा रूखवा
कि ओही तरी जोग बिकाय
राजा के सोहागवा
अगतन अउतिउ कवनसिंह कै नातिन
कउनसिंह के नातिन
कि अब जोग गयउ बिकाय
राजा के सोहागवा
अगतन अउतिउ कवनसिंह कै धेरिया
कि अब जोग गयउ बिकाय
राजा के सोहागवा
कुछू जोग गठिया कि कुछू जोग मुठिया
कि कुछू जोग बैल लदाय
राजा के सोहागवा
सिकिया कै डड़िया सजावा मोरे भइया
सजावा मोरे भइया
कि लइ चला कमरू के देश
राजा के सोहागवा
कउन दिशा से ओनई बदरिया / बघेली सोहाग गीत
कउन दिशा से ओनई बदरिया कौन दिशा रही छाय
राजा के सोहागवा
पूरब दिशा से ओनई बरिया पश्चिम दिशा रही छाय
राजा के सोहागवा
विनतिन बैठीं हैं धेरिया कउन कुंवरि
सुना मेघ विनती हमार
राजा के सोहागवा
एक नन्चू बुंदिया छिमा करवा मेघवा
कि भीगइं लड़िल देई मांग
राजा के सोहागवा
मघवा परख्यों फगुनवा परख्यों
कि परख्यों जेठ बैसाख
राजा के सोहागवा
अब कैसे बुंदिया छिमा करैं मेघवा
कि घुमड़ि के लाग अषाढ़
राजा के सोहागवा
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