भजन : हरियाणवी लोकगीत Bhajan : Haryanvi Lok Geet
ईसवर के गुण गाइये मेरी बहना
ईसवर के गुण गाइये मेरी बहना
आर्यों का प्रण पुगाइये मेरी बहना
पुगाइये मेरी बहना
जै तेरा सुसरो पानी हे मांगै
तो कच्चा दूध पिलाइये मेरी बहना
पिलाइये मेरी बहना
जै तेरा जेठा रास्तो मैं मिल जाय
तो दस डंग परै के निकलिये मेरी बहना
निकलिये मेरी बहना
जै तेरा कन्था मारण चड्ढ जा
तो पत्थर सी बन ज्याइये मेरी बहना
बन ज्योईये मेरी बहना
ईसवर का गुण गाइये मेरी बहना
आर्यों का प्रण पुगाइये मेरी बहना
उठ जाग रै मुसाफिर किस नींद सो रह्या है
उठ जाग रै मुसाफिर किस नींद सो रह्या है
जीवण अमूल पिआरे क्यूं बखत खो रह्या है
रहणा न इत बणैगा दुनिया सरा सी फानी
इस मैं फंस्या तैं पियारे क्यूं मस्त हो रह्या है
उठ जाग रे मुसाफिर
भाई पिता अर पुत्तर होगा न कोई साथी
क्यूं मोह का बोझा नाहक मैं ढो रह्या है
उठ जाग रे मुसाफिर
ले ले धरम का तीसा मत भूल रे दीवाने
नैकी की खेती कर ले क्यूं बखत खो रह्या है
उठ जाग रे मुसाफिर
किसती अमूल पा कै हिम्मत तै पार कर लै
इस जल असार जग मैं तैं क्यूं डबो रह्या है
उठ जाग रे मुसाफिर
ए जी जित बांटे झोली भर फूल
ए जी जित बांटे झोली भर फूल उड़े पड़ सो रहे भगवान
ए जी बरसै सै रिम झिम मेघ बाहर भीज्जै एकले भगवान
ए जी थारै धौरे साथियां का साथ कैसे डरपो एकले जी भगवान
ए जी म्हारै चौंतरे पग ना देय लीप्या पोता ऊपड़ै भगवान
ए जी इतनी सी सुण कै नै किसन महलां ऊतरे भगवान
ए जी एक चणा दोय दाल दलै पाच्छै ना मिले भगवान
ए जी एक दही सूजै दूध फटे पाच्छै ना मिले भगवान
ए जी एक पुरुष दूजी नार लड़ें पाच्छै रत्न मिले भगवान
ए जी एक चणा दूजी दाल पीसे पाच्छै रत्न मिले भगवान
ए जी एक दही दूजै दूध बिलोय पाच्छै ना मिले भगवान
ए जी एक पुरुष दूजी नार मनाए पीछै मनै ए भगवान
ए जी रोवै राधा जार बेजार आंसू गेरै मोर ज्यूं भगवान
ए जी राधे रूस्से बारम्बार किसन रूस्से ना सरै भगवान
कित रम गया जोगी मंढी सूनी
कित रम गया जोगी मंढी सूनी
जोगी करै मंढी की रकसा
मांग खुआवे उस नै झिकसा
कूण करेगा वा की परिकसा
जलगी लकड़ी बुझी धूणी
कित रम या जोगी मंढी सूनी
बात्तर कोठडी गुपत सिंघासण
जां रहता जोगी का आसण
ठाली नै सब तूंबे बासण
हे जी डिग ग्या मंदर बिना धूणी
कित रम ग्या जोगी मंढी सूनी
यो जोगी यो कैसा हेला
धोवै मंठी नै आप रै मैला
छोड़ दिआ रंग अपणा पैला
हे जी बोलत नाही भया मुनी
कित रम ग्या जोगी मंढी सूनी
सत गुरुआं ने दीना हेला
छोड़ मंढी ने ध्याया चेला
दो दिन का यो सारा मेला
हे जी कब तक रहेगी अफलातूनी
कित रम ग्या जोगी मंढी सूनी
गजराई नै टेर लगाई गज घंटा दिया बजाई
गजराई नै टेर लगाई गज घंटा दिया बजाई
बचा दिए उन के प्राण गरड़ चट्ढ आइयो जी भगवान
द्रोपदा नैं टेर लगाई उन की साड़ी तुएं बढ़ाई
मार्या दुसासन का मान गरड़ चड्ढ आइओ जी भगवान
नरसी ने दान कर्या था सरसै मैं भात भर्या था
कर दिया हुंडी का भुगतान गरड़ चड्ढ आइओ जी भगवान
दास तेरा कहवाऊं कर दरसण खुसी हो जाऊं
राख्यो मेरी तरफ को ध्यान गरड़ चड्ढ आइओ जी भगवान
गलती मैं जो कुछ बणी सो बणी
गलती मैं जो कुछ बणी सो बणी इब तै सोच समझ कै चाल
चोरी जारी अन्याई की कहां बनी टकसाल
बिना पड्ढाए सारे पट्ढ ग्या करम किए चंडाल
पट्टी तो तन्ने बदी की लिखी इब तैं सोच समझ कै चाल
कान पकड़ कै आगै करलै इक दिन तन्ने काल
भाई बंध तेरा कुंटब कबीला किसे की ना चालै ढाल
बणेगी तेरे जिए नै घनी इब तै सोच समझ कै चाल
धरमराज तेरे कर्म्मा की एक दिन करै संभाल
जिगर मैं लागै सेल की अणी इब तै सोच समझ कै चाल
आच्छे बुरे सब देख लिये ये दुनिआं कै ख्याल
छोड्या जा तो छोड़ दे बंदे यो ममता का जाल
अनीती तन्ने भोत करी इब तै सोच समझ कै चाल
तू परेम के रंग मैं रंग दे चोला आण रे बनवारी
तू परेम के रंग मैं रंग दे चोला आण रे बनवारी
तू रंग जोगिआ रंग दे सेवक जाण रे बनवारी
राम नाम की चाल जमी हो सिव संकर की बूटी हो
भू गुरवो की डोर पड़ी हो किलफां जिसकी छटी हो
ग्वाल बाल गोपाल हो संग में ग्वालन की दधि लूटी हो
देख कै चोला मोरा जोगिआ आसा तिरसना टूटी हो
फिर पहर कै चोला करूं तुम्हारा ध्यान रे बनवारी
तू परेम के रंग...
सूत सूत मैं राम रम्या हो मेरै चोलै प्यारै मैं
गोकल मैं गउंआं चरती हों जमना बहे किनारै मैं
सत का सिलमा लगा दिआ जो चमके एक इसारै मैं
बेला फूल बण्या बिसणू का जो राम रह्या हमारे मैं
तार तार तै आवै हरी की तान रै बनवारी
तू परेम के रंग...
ठपपै मैं ठाकर जी बैठे देखूं पल्लै चारूं मैं
नारायण नरसी की क्यारी बणी होई इन फुलवारां मैं
नो लख तार्यां की चमकीली मिलै जो बजार्या मैं
चांद सूरज बी बणे होए हों मेरै चोलै प्यारै मैं
तू सत्त धरम नै पक्का करदे आण रे बनवारी
तू परेम के रंग...
राम नाम तू रंग में रंग दे गंगा जल लहराता हो
इस चोलै ने ओ पहरेगा जिसका हर तै नाता हो
यो चोला तो उसने भावै जिस नै मोहन भाता हो
मैं बेचैन रहूं तेरै बिन मनगुण तेरे गाता हो
मैं राम पार हो जाऊं कर गुणगान रे बनवारी
तू परेम के रंग...
दुख देते मात पिता को वे नहीं धरम के लाल जी
दुख देते मात पिता को वे नहीं धरम के लाल जी
खल होंदे ना सरमांदे करदे हैं उलटे धंदे
कंस नै मात पिता किए अंधे दीनै भोरै मैं रे डाल जी
दुख देते...
रावण दुरयोधन सिसुपाला करा सबी कुटम का गाला
नहुस बी कर गए चाला लिए जूड़ रिसी ततकाल जी
दुख देते...
दुनिआं मैं रे बाबा नहीं रे गुजारा किसी ढब तै
दुनिआं मैं रे बाबा नहीं रे गुजारा किसी ढब तै
घर मैं रहै तो कैसा जोगी बन मैं रहे विपत का भोगी
मांगै भीख बतावै लोभी त्यागी बण ग्या कब तै
दुनिआं मैं रे बाबा...
बोलंू तो बेचाल बतावै नहीं बोलै गरभाय रह्या
करैं कुसामंद हार गया है डरै रै हमारे डर तै
दुनिआं मैं रे बाबा...
धरम करै तो दरब लुटावै नहीं करै तो सूम बतावै
क्या कहूं कुछ कहीए ना जावै परीत करै मतलब तै
दुनिआं मैं रे बाबा...
अचार करूं पाखंड मचावै नहीं करूं तो पसू बतावै
हंसूं तो कहते हैं मस्तावै नहीं हंसूं तो बिंधा मरज तै
दुनिआं मैं रे बाबा...
नींदा अस्तुती दोनों त्यागे सुब असुब पीठ दे भागे
राम परताप चरण चित लागै तब रै जीते इस जग तै
दुनिआं मैं रे बाबा...
दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै
दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै
जाचक खड़े साह्मणै, बिप्पर खड़े साह्मणै
कहै करण तम राणी धोरै जाओ
ओ ऊंचा स्थान दूर नहीं साह्मणै
दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै
दूर देस्यां के हम हारे थके भोत होए हैरान
कहै करण मेरी ढाल पकड़ा इतणा कर द्यो इहसान
तुम्हारे मुख कै साह्मणै बिपर खड़े साह्मणै
दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै
के नौकर हम तेरे बाप के क्यूं धराया दानी नाम
कह करण इब गया है परण जी बुरी करी करतार नै
दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै
रिसक पिसक कै ढाल सरकाई तोड़े चौंपे के दांदे
लेओ बिप्पर दान थम पधारो अपणै धाम नै
दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै
धो के तो देओ हम नै दान गावैगे हम संसार मैं
दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै
मार्या करण नै बाण गंगा चढ़ आई साह्मणै
गंगा मैं धो के दिया दान पधारो अपणै धाम नै
दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै
कहे किरसन तैं देख ले यो सै दान का मान
तुम्हारे मुख कै साह्मणै बिप्पर खड़े साह्मणै
दे दे करण तैं दान जाचक खड़े साह्मणै
बहणो सुणो लगा के कान
बहणो सुणो लगा के कान
के यहां की नारी कैसी थी
हरीचन्द चाले सरबस देके
बिकै कांसी मैं कुटम नै लेकै
बिकै कांसी में साथ सन्तान
वा तारा किसी बिचारी थी
बहणो सुणो...
अपणे स्वामी की समझांदी
बेद्यां के परमाण बतांदी
लंका नगरी के दरम्यान
रावण की प्यारी कैसी थी
बहणो सुणो...
चोदां साल सह्या दुखड़ा
छोड्या राज महल का सुखड़ा
जिसके पति राम भगवान
वा जनक दुलारी कैसी थी
बहणो सुणो...
अंधे थे रेाजा धिरतरासटर
पट्टी बांधी थी अपणी आंख पर
खुद बी बण गई पति समान
वा गन्धारी कैसी थी
बहणो सुणो...
बागां मैं दुख सै बगीचां मैं दुख सै
बागां मैं दुख सै बगीचां मैं दुख सै
पेड़ कटै ए जद डालिआं मैं दुख सै
न्यूं मत जाणै ए बेबे
तालां मैं दुख सै ए कलिआं मैं दुख सै
ताल सुखए जद मछिआं मैं दुख सै
न्यूं मत जाणै ए बेबे
राणी मैं दुख सै रोहतास मैं दुख सै
भंगी घर पाणी भरै राजा मैं दुख सै
न्यूं मत जाणै ए बेबे
राम मैं दुख सै ए लिछमन मैं दुख सै
सीता हड़ी ए जद रावण मैं दुख सै
न्यूं मत जाणै ए बेबे
बेबे हे करम्यां की गत न्यारी
बेबे हे करम्यां की गत न्यारी
मेरे तै कही नहीं जावै
किसे के फिरते इधर उधर नै
कोए कोए तरसै एक पुतर नै
पर बन कुछ न पावै
बेबे हे...
कोए कोए ओढ़े सीड दुसाले
उसके बस्तर घणे निराले
किसै नै पाटै बी ना पावै
बेबे हे...
कोए कोए सोवै रंग महल मैं
उस के नौकर रहें टहल मैं
किसै के छान नहीं पावै
बेबे हे...
भजन हरि का कर प्राणी
भजन हरि का कर प्राणी
दो दिन की है तेरी जिन्दगाणी
गरभ में जब दुख पाया था
धियान प्रभु सै लगाया था
अब क्यूं करता मनमाणी
भजन हरि का कर प्राणी
जब धरम राज कै जावैगा
वहां तोहे कौन छुड़ावैगा
माया संग नहीं जाणी
भजन हरि का कर प्राणी
माया देख के फूल ग्या
प्रभु को बिल्कुल भूल गया
माया साथ नहीं जाणी
भजन हरि का कर प्राणी
मन डटदा कोन्या डाटूं सूं रोज भतेरा
मन डटदा कोन्या डाटूं सूं रोज भतेरा
एक मन कहै मैं साइकल तो घुमाया करूं
एक मन कहै मोटर कार मैं चलाया करूं
रै मन डटदा कोन्यां डाटूं सूं रोज भतेरा
एक मन कहै मेरे पांच सात तो छोहरे हों
एक मन कहै सोना चांदी भी भतेरे हों
मन डटदा कोन्यां डाटूं सूं रोज भतेरा
मुख तै बोलो रे जै जै सीता राम
मुख तै बोलो रे जै जै सीता राम
बड़े भाग मानस तन पाया सुर दुरलब सब ग्रंथों नै गाया
राम भजन का करतब बणाया तज द्यो छोटे काम
बिरथा मत डोलो रे जै जै सीता राम
राम नाम है रतन अमोला संत जन्यां नै खूब टिटोल्या
एक रत्ती अर बावन तोला पूरे कर दे काम
हिरदै मैं तोलो रै जै जै सीता राम
आठ परकार काम नै त्यागो भगवत भगती मैं तम लागो
सोए भोत दिनां तै जागो कोडी लागै ना दाम
त्यार तम हो ल्यो रे जै जै सीता राम
इष्ट धरम आसरम का राखो मुख तै झूठ कदे ना भाखो
गाम गाम हो आसरम लाखों बने देस हरी धाम
पाप को धो ल्यो रे जै जै सीता राम
गऊ बैल्यां की सेवा करल्यो सेवा करके पार उतरल्यो
ईसवर भगती मैं चित धरल्यो ले ईसवर का नाम
आसरम खोलो रै जै जै सीता राम
मेरी तेरी कोन्या बणै रे मन ऊत
मेरी तेरी कोन्या बणै रे मन ऊत
कहूं सीधा तैं चालै आडा याहे बात कसूत
मेरी तेरी कोन्या बणै रे मन ऊत
तेरै संग मैं पांच भूतणी
कोन्या मानै रांड ऊतणी
तैं पाक्का सै भूत
मेरी तेरी कोन्या बणै रे मन ऊत
पांच चोर सै तेरे रे साथी
तेरी समझ में कोन्या रे आती
चौड़े लोआ दे जूत
या पंचाती धरमसाला क्यूं करदा झूठी मेर रे
या पंचाती धरमसाला क्यूं करदा झूठी मेर रे
पांचां पै तनै लई मांग कै सुकरम भोत कमाऊंगा
दूसर भगती करूं परेम तै हर के दरसन पाऊंगा
नित रहूं हरी का पाली क्यूं धरदा झूठी मेर रे
या पंचाती धरमसाला...
याहदी ब्याह्दी दूत भेज के पांचो तनै समझाते हैं
करणा हो सो कर ले रे बंदे कार करे दिन आते हैं
घर खो सै न ततकाल क्यूं करदा झूठी मेर रे
या पंचाती धरमसाला...
पांचों पंच करेंगे दावा लेखा हो दरबार रे
जिब तेरे पै मार पड़ेगी झूठा पड़ै करार रे
झूठा का मुखड़ा काला रे क्यूं करै झूठी मेर रे
या पंचाती धरमसाला...
जिन खातर तैं पच पच मरदा वे सब धौरे धर जांगे
जिब तेरे पै बखत पड़ैगा सारै धोखा कर जांगे
तब होगा देस निकाला क्यूं धरदाा झूठी मेर रे
या पंचाती धरमसाला...
तेरै देखत कितणे हो लीए हो हो कै सब चले गए
ना कोए रह्या ना कोए रहण पाया काल चाक्की में दले गए
चातर दलन आला क्यूं करदा झूठी मेर रे
या पंचाती धरमसाला...
लोभ मोह उड़ै दोनूं ए कोन्यां धर्म तुलै सै हमेस
लोभ मोह उड़ै दोनूं ए कोन्यां धर्म तुलै सै हमेस
चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस
लोहा पीतल उड़ै दोनूं ए कोन्यां सोना तुलै सै हमेस
चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस
दूध दही का उड़ै घाटा ए कोन्यां माक्खन तुलै सै हमेस
चालो हे भैणां राम भजणिया कै देस
सात सखिआं के झूमके राधे न्हाण चाली हो राम
सात सखिआं के झूमके राधे न्हाण चाली हो राम
आगे किसन हर मिल गए राधे तैं कित चाली हो राम
थारी तै बरजी नार हूं म्हारी सास खुंदाई हो राम
जिब पिरभू धोरे भया सीली बाल चलाई हो राम
केले बरगी कामनी राधे थर थर कांबी हो राम
जिब पिरभू नरै दया ए आई काली कम्बली पूंचाही हो राम
काली कम्बली न औढ़ैं हम तो कालै हो ज्यां हो राम
जिब पिरभू नै दया ए आई पीली साड़ी पूंचाही हो राम
तम चिर जीओ बेटा नंद के म्हारा मान बधाया हो राम
हरि भज ले हरि भज ले
हरि भज ले हरि भज ले
हरि भजणै का मोका सै
ये चलती दुनियां सै
टिकट ले हम बी बैठांगे
संभल कै चलणा रे भइआ
पराए संग मैं धोखा सै
हरि भज ले हरि भज ले
हरि भजणै का मोका सै
तेरे माता पिता बन्धु
जगत साथी ना तेरा कोए
जिसे तू आपणा समझै
सरासर उन ते धोखा सै
हरि भज ले हरि भज ले
हरि भजणै का मोका सै
हे राजा राणी चले बनबास बड़ तले ला लिया डेरा
हे राजा राणी चले बनबास बड़ तले ला लिया डेरा
हे राणी सो गई चुंदड़ी तान सरप ने दे लिया घेरा
हे री मैं पल्ला उघाड़ जरा देखूं अंखियां खोलदी कोन्यां
हे री मैं ने मुख से करी दो बात मुखड़े सै बोलदी कोन्या
हे री मैं ने पहुंचे से पकड्या हात नाड़ी तो उस की चालदी कोन्यां
हे री वो रोया बड़ के लाग मेरे तो मां बाप बी कोन्यां
हे री वो रोया नदियां बीच मेरे तो एक लाल बी कोन्यां
ए रे कटवा दूं चन्दन रूख अड़ै तो कोई रूख बी कोन्यां
ए रे चिणवा दूं चिता के बीच मेरे तो कोई गैल बी कोन्यां
ए रे मनै ढूंढी सारी बिलात इसा तो कोई फूल बी कोन्यां
हे हर जी ल्याए हैं झोली भर फूल
हे हर जी ल्याए हैं झोली भर फूल राधा जोगे नां ल्याए भगवान
हे जी बांटे हैं सब परवार राधा जोगे नां बचे भगवान
हे जी राधा के मन मैं सै छोह टग टग महलें चढ़ गई भगवान
हे राधा नै जा मूंदे अजड़ किवाड़ सांकल लोहे सार की भगवान।
हे राधा रिम-झिम बरसे है मैंह किरसन भीजें बाहरणै भगवान
हे राधा खोलो नै अजड़ किवाड़ सांकल लोह सार की भगवान
हे हर जी जां बांटै झोली भर फूल बहैं जाओ सो रहो भगवान
हे हर जी कै मन मैं था छोह् ढग-ढग महलां ऊतरे भगवान
हे हर जी जा सोए बिरछां की धाएं धोली चादर ताण कै भगवान
हे जी राधा के मन मैं था चाव टग टग महलें ऊतरी भगवान
हे हर जी पूछी हैं कूएं पणिहार कहीं देखे सांवरे भगवान
हे राधा नहीं देखे किसन मुरार नहीं देखे सांवरे भगवान
हे हर जी पूछै हैं हाली पाली लोग कहीं देखे सांवरे भगवान
हे राधा वे सूते बिरछां की छांह धोली चादर ताण कै भगवान
हे राधा देख्या है पल्ला ए उघाड़ किरसन सूते नींद मैं भगवान
हे हर जी ऊठो न किरसन मुरार उठो न पियारे सांवरे भगवान
हे हर जी नैणां मैं रम गई धूल पैरां मैं छाले पड़ गए भगवान
हे हर जी राधा तो रूसै बारम्बार किरसन रूसै न सरै भगवान
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