महात्मा गांधी के बारे में गीत : हरियाणवी लोकगीत Mahatma Gandhi Ke Baare Mein Geet : Haryanvi Lok Geet
अमीर गरीब में पड़ी जो खाई
अमीर गरीब में पड़ी जो खाई।
गांधी बाब्बू नै कोन्या भाई।।
गरीब मजूरां का हक दिलाया।
अमीरां तै यूं उपदेस सुनाया।।
धन नै सांझा समझो भाई।
नहीं तो कहलाओगे कसाई।।
अहिंसा परम धरम कहलाया
अहिंसा परम धरम कहलाया।
तय तियाग का मारग दिखलाया।।
सादा जीवन उच्च विचार।
बेड़ा इस तै होवै पार।।
गांधी बाब्बू का योह् नारा।
देस नै लाग्या था अति पियारा।।
आजादी की हुई लड़ाई
आजादी की हुई लड़ाई।
गांधी ने एक फौज बनाई।।
बरछी तीर तलवार न जिस पै।
सत अहिंसा का हथियार था जिस पै।।
लिए हाथ में तिरंगा झंडा।
फोड़ा अंगेजां का भंडा।।
एक जलेबी तेल में
एक जलेबी तेल में।
गांधी भेज्या जेल में।।
जेल का फाटक गिया टूट।
गांधी आया फोरन छूट।।
सतागरह गांधी ने चलाया।
देस म्हारा आजाद कराया।।
कोरी कोरी चांदी की कांगणी
कोरी कोरी चांदी की कांगणी घड़ाई ऊपर जड्या नगीणा,
हो मन्नै तेरी सोंह।
कोरी कोरी चांदी की कांगणी घड़ाई खद्दर की साड़ी बांधी,
हो मन्नै तेरी सोंह।
कोरी कोरी चांदी की कांगणी घड़ाई अमर रहे बापू गांधी,
हो मन्नै तेरी सोंह।
गंगा नीर जणो सोभा पा रिहा
गंगा नीर जणो सोभा पा रिहा,
सोने के कलसे में।
मैं बी तेरे संग चलूंगी,
गांधी के जलसे में
गांधीजी के बारे में
गांधी ने अंगरेज भजाया।
अर भारत का मान बचाया।
गंगा जल का लोट्टा।
गांधी काट गिया टोट्टा।।
जल भर्या लोट्टा चांदी का।
यू राज महात्मा गांधी का।।
देसी घी की भरी से कोल्ली।
गांधी बाब्बू की जै बोल्ली।।
भरी थाली यो चांदी की।
जय बोलो महात्मा गांधी की।।
नया जेवड़ा महं कोल्ली।
गांधी जी की जय बोल्ली।।
सेर बाजरा झोली में।
झंडा टंग रह्या पोली में।।
कोरा घड़वा नीम तले
आजादी की जोत जले।
गांधी था सत का मतवाला
गांधी था सत का मतवाला।
सत का था उस नै परण पाला।।
सचाई हाथ तै दी ना जाणे।
चाहे प्राण पड़े थे गवांणे।।
सत के बल पै अमरता पाई।
सांच नै आंच ना लागण पाई।।
गांधी बाब्बू का आया जमाणा
गांधी बाब्बू का आया जमाणा।
देवर पियारे जेल तम जाणा।।
जद तै फिरंगी का राज होेया सै।
भारत अन्न नै मोहताज होया सै।।
अब यू राज मिटाणा।
देवर पियारे जेल तम जाणा।।
घर घर लन्दन मेमां रोवैं
घर घर लन्दन मेमां रोवैं।
गांधी बन गिया गले का हार।
सरकार खड़ी सै घुटने टेके।
थोथे उस के बाजैं हथियार।
हाहाकार मचे लन्दन में।
भैणा अब रूठ गये करतार।।
जवाहर लाल भी रह्या करें थे
जवाहर लाल भी रह्या करें थे साथ गांधी की
सब दुनिया नै मानी साची बात गांधी की
चरचा थी खूब होण लागी दिन रात गांधी की
सरब बियापक थे एक नहीं थी जात गांधी की
हाथ हथकड़ी पायां बेड़ी यो गहणा गांधी का
सौ सौ बार हुआ जेलां में रहणा गांधी का
जो मिल रा सै सुराज हम नै यो लहणा गांधी का
मिल कै नै सारी कौम रहो यो कहणा गांधी का
हिन्द की ऊंची कर दी सज्जनों सान गांधी नै
चकरबरती राजा करै हैरान गांधी नै
देस की खातर खो दी अपनी जान गांधी नै
एक बार फिर पैदा कर भगवान गांधी नै
तेरे घर में घुस गए चोर
तेरे घर में घुस गए चोर,
गांधी दीवा दिखाइए रे।
तेरे तो भाई गांधी टोपी आले,
ये टोप आले कौण,
गांधी दीवा दिखाइए रे।
तेरे तो भाई गांधी धोती आले,
ये पतलून आले कौण,
गांधी दीवा दिखाइए रे।
तेरे तो भाई गांधी लाठी आले,
ते बंदूख आले कौण,
गांधी दीवा दिखाइए रे।
देख कै ने गांधी का चरखा
देख कै ने गांधी का चरखा।
अंगरेजां का था दिल धड़का।।
बालक बुड्ढे अर नर नारी।
सब नै तान चरखे की पियारी।।
चरखे नै जादू दिखलाया।
सुदेसी का पाठ सिखलाया।।
देस के हो रे थे बारां बाट
देस के हो रे थे बारां बाट।
बणिया बाह्मण अर कोई जाट।
अर कोई था अछूत कहलाया।
बाब्बू का दिल था भर आया।।
बाब्बू ने मिटाई छू आछूत।
सब सैं भारत मां के पूत।।
नत्थू राम! तन्नै सरम ना आई
नत्थू राम! तन्नै सरम ना आई, बाब्बू कै गोली मारी।
तेरे करमां नै रोण लाग री, बैठी योह् दुनिया सारी।
बाब्बू ने कह्या राम राम, अर जग तै किया किनारा।
राम के मंदिर में जा पोंह्चा, सिरी राम का पियारा।
काच्चा कुनबा छोड़ के बाब्बू, सुरग लोक मैं सोगे।
भारत के सब नर नारी अब, बिना बाप के होगे।
पिया मन्नै इक चरखा ल्यादे
पिया मन्नै इक चरखा ल्यादे मैं बी सूत बनाऊंगी, हो मेरे राम।
चालीस गज का झालर आला दाम्मण एक सिमाऊंगी, हो मेरे राम।
सीसां आली चमक चून्दड़ी खादी की मंगवाऊंगी, हो मेरे राम।
हाथ में पाणे झंडा तिरंगा खादी आला ठाऊंगी, हो मेरे राम।
पिया मन्नै इक चरखा ल्यादे मैं बी सूत बनाऊंगी, हो मेरे राम।
हथ करघे का कपड़ा पावैं
हथ करघे का कपड़ा पावैं
गांधी का फरमाण बजावैं
गरीब जुलाहां के कुंबनां नै
रोटी कमान का काम दिलावैं
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हरणे नै भारत का कलेस
हरणे नै भारत का कलेस।
गांधी नै योह् दिया उपदेस।।
हिन्दू मुसलम सिख ईसाई।
आपस में सब भाई भाई।।
सब के दिल में बात समाई।
फिर कौन्या कदी करी लड़ाई।।
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