रहन-सहन के गीत : हरियाणवी लोकगीत Rahan-Sahan Ke Geet : Haryanvi Lok Geet
आध पाव बाजरा कूट्टण बैठी
आध पाव बाजरा कूट्टण बैठी
उछल उछल घर भरियो सैतान बाजरा
आध पाव बाजरा पकावण बैठी
खदक खदक हंडिया भरियो सैतान बाजरा
इब की छोरी न्यूं बतलाई
इब की छोरी न्यूं बतलाई
काली वायल मंगावांगे
पाइआ पाइआ गेरैं सितारे
गोट्यां की लार लगावांगे
इब की बहुअड़ न्यूं बतलाई
भार्या दाम्मण सिलावांगे
सारी बेबे कट्ठी हो कै
ठोक्कर मार दिखावांगे
इब के छोरे न्यूं बतलावे
आपी नाम कटावांगे
बूठ्यां नै तो घाला नौकरी
कुरसी मेज बिछांवांगे
इब के बूड्ढे न्यूं बतलाए
आपां नौक्कर चाल्लांगे
घणे दिनां मैं छूट्टी आवैं
बुड्ढिआं ने प्यारे लागांगे
दोहरी तो हम धोत्ती बांधां
गाभरूआं ने गोड्डांगे
इब की बूड्ढी न्यूं बतलाई
नाभी सूट सिमावांगे
धोले तो हम ओढ़ैं डपट्टे
कालिज पड्ढण जावांगे
जो मेरी बेबे पै चाल्यां नां जागा
रिकसा भाड़ा कर ल्यांगे
हाथ्यां मैं हम झोला ले लैं
हाथ पकड़ कै चाल्लांगे
उजला भोजन गाए धन
उजला भोजन गाए धन, घर कुलवंती नार।
चौथे पीठ तुरंग की बहिसत निसानी चार।।
काला दाम्मन चक्कर काटै
काला दाम्मन चक्कर काटै
जम्फर करै कमाल मेरा
ज्यादा मत ना बोलिये
मारूंगी हरिया रूमाल मेरा
जाड़ा लागै पाला लागै खीचड़ी निवाई
जाड़ा लागै पाला लागै खीचड़ी निवाई
सेर घी घाल के लप लप खाई
दिल्ली की दलाली
दिल्ली की दलाली
तेरा पल्ला लटके
छोरे बजावैं बांसली
तों खड़ी मटकै
देसां मैं देस हरियाणा
देसां मैं देस हरियाणा।
जित दूध दही का खाणा।
नाई के रे नाई के ल्याइए कमला नैं
नाई के रे नाई के ल्याइए कमला नैं
कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का
कमला नै ल्यावै उसका बाप
कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का
औरां की छोह्रियां पहरै सैंडल
कमला पहरै काले सूट
कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का
औरां की छोह्रियां पहरै फराकां
कमला पहरै काले सूट
कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का
नाई के रे नाई के ल्याइए कमला नै
कमला नै ल्यावै उसका बाप
कमला ध्यान राखिए पड्ढणै का
बाजरा कह मैं बड़ा अलबेल्ला
बाजरा कह मैं बड़ा अलबेल्ला
दो मुस्सल तैं लडूं अकेला
जै मिरी नाजो खिचड़ी खाय
फूलफाल कोठी हो जाय
बाजरे की रोटी पोई रै हलिड़ा
बाजरे की रोटी पोई रै हलिड़ा
बथुए का रांधा रै साग
आठ बलधां का रै हलिड़ा नीरणा
बार हलिड़ा की छाक
बरसन लागी रै हलिड़ा बादली
म्हारो मीठो लागै खीचड़ो
म्हारो मीठो लागै खीचड़ो।
म्हारो चोखो लागे खीचड़ो।। मीठो खीचड़ो।।
छुलक्यो छांढ़यो बाजरो।
म्हें दली ए मूंगा की दाल।। मीठो खीचड़ो।।
खदबद सीझै बाजरो।
कोई लथपथ सीझै दाल।। मीठो खीचड़ो।।
दूध खिचड़ी खावा बैठ्या।
कोई तरसै म्हारी जाड़।। मीठो खीचड़ो।।
मीठी लागै बाजरे की राबड़ी रै
मीठी लागै बाजरे की राबड़ी रै
दल चक्की से हांडी पे गेरी
नीचे लगा दी लाकड़ी रे
मीठी लागै...
रांध रूंध थाली में घाली
ऊपर आ गई पापड़ी रै
मीठी लागै....
खाय खूय खटिया पर सूती
नींद सतावै बाखड़ी रै
मीठी लागै...
सास री भार्या सा दामण सिमा
सास री भार्या सा दामण सिमा
चक्कर काट्टे कली कली
सास री हर्या सा कुड़ता सिमा
जेब्बां में राखूं टेम घड़ी
बहू न्यूं तो साच बता
के करैगी टेम घड़ी
सास री मैं फौजी की नार
हर दम चीहै टेम घड़ी।
सुण कमला गोरी भाण हे बेबे
सुण कमला गोरी भाण हे बेबे
बिगड़ी भारत चाल हे बेबे
सरम जगत में ना रही
दो दो छोटी घाल के ए बेबे
गल मैं डुपट्टा घाल के ए बेबे
चलैं गालां के मांह् ए बेबे
सरम जगत में ना रही
ढाई गज की सिलवार हे बेबे
गल पंतरी का सिगार हे बेबे
सरम जगत में ना रही
आंख्यां मैं स्याही घाल के हे बेबे
मात्थे पै बिन्दी लाय के हे बेबे
सरम जगत में ना रही
आंख्यां मैं स्याही घाल के हे बेबे
पड़ै बहुआं ते बाद हे बेबे
सरम जगत में ना रही
ताऊ अर चाचे देखते हे बेबे
देखैं भाई अर बाप हे बेबे
चालैं छाती काढ के हे बेबे
सरम जगत में ना रही
छोड़ो इस पहरान ने हे बेबे
ले ल्यो पुराणी चाल हे बेबे
दामन चूंदड़ी का पहरान हे बेबे
हो जा भारत में नाम हे बेबे
सरम जगत में ना रही
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