सांझी के गीत : हरियाणवी लोकगीत Sanjhi Ke Grrt : Haryanvi Lok Geet

  आरता ए आरता संझा माई आरता

आरता ए आरता संझा माई आरता

आरता के फूल चमेली की डाल्ही

नौ नौ नोरते दुरगा माई के

सोलां कनागत पितरां के

जाग सांझी जाग तेरै मात्थे लाग्या भाग

पीली पीली पट्टिआं सदा सुहाग

सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी

क्यांहे की मांग भरावैगी

स्यालू ओढूंगी मिसरू पहरूंगी

मोतिआं की मांग भराऊंगी

सूच्चयां का जूड़ा जड़ाऊंगी

धूंधाए कै ओढैगी के पहरेगी

क्यांहे की मांग भरावैगी

क्यांहे का जूड़ा ए जड़ावैगी

गूदड़ औढूंगी खादड़ पहरूंगी

ढेर्यां की मांग भराऊंगी

ल्हीखा का जूड़ा ए जड़ाऊंगी।


 आरता हे आरता सांझी माई आरता

आरता हे आरता सांझी माई आरता

आरते की फूल झवेलन बेल

इतने से भाइयां में कुणसा गोरा

चन्दा गोरा सूरज गोरा गोरा के रनयण काजल भर गेरे


 जाग सांझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग

जाग सांझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग

पीली पीली पट्टियां सदा सुहाग

मेरी सांझी के औरे धोरै चोल्यां की मुट्ठी हे

मैं तने बुज्झूं संझा तेरी कै तोल्यां की गुट्ठी हे

हे मेरे बाप घड़ाई बहना बीरण मोल चुकाई

बेबे नो तोल्यां की गुट्ठी के


 डूंगी सी डाबर रे कै फूलां की महकार

डूंगी सी डाबर रे कै फूलां की महकार

लीला सा घोड़ा रे कौन करै असवार

के मैं सूं चन्दा हे संझा का लणिहार

आ मेरे माई जाये रे के बैठो तखत बिछाय

थारे घोड़ियां ने दाना रे तमनै रस भर खीर


 नौ नौ नौरते संझा माई के

नौ नौ नौरते संझा माई के

सोलां कनागत पितरां के

उठ माई बैठ माई खोल दे पाट

मैं आई तने पूजण ने

पूज पिछोकड़ कै फल लागे

भाई भतीजे पूरे पंचास

कड़वी कचरी कड़वी बेल

पूत फलियां तेरी बेल

मक्का देरी मक्का द

तेरे आये बोहड़िआ धक्का दे


 म्हारी सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी

म्हारी सांझी ए के ओढैगी के पहरैगी

क्यांए की मांग भरावैगी

मिसरू पहरूंगी स्यालु औढूंगी

मोतियां की मांग भराऊंगी

म्हारी सांझी ए के जीमेगी के झूठेगी

क्यांए की चलुए भरावैगी

लाडू जीमूंगी पेड़ा झुठूंगी

इमरत की चलुए भराऊंगी


 मेरी सांझी के औरे धोरै फूल रही कव्वाई

मेरी सांझी के औरे धोरै फूल रही कव्वाई

भान मैं तन्नै बूझूं संझा कैं तेरे भाई

मेरे पांच पचास भतीजे नौ दस भाई

भान कैयां का ब्याह रचाया कितने की सगाई

पांचा का तो ब्याह रचाया दसां की सगाई।


 सांझी सांझा हे कनागत परली पार

सांझी सांझा हे कनागत परली पार

देखण चालो हे संज्ञा के लणिहार

वह तो देखिया भाला हे चन्दा लाम जड़ाम

देखण चाली हे सांति के लणिहार

वह तो देखिया भाला हे चन्दा लाम जड़ाम


 हे खड़िआं थी सिरस तलै

हे खड़िआं थी सिरस तलै मेरे सिर गोबर की हेलां

हे वै आवें थे च्यार जणे वे संझा मेरे बीरे

हे मैं भाजूं थी मिलण जुलण मेरा टूट्या नोसर हारा

रे तौं चुगदे रे चिड़ी चिड़कले कित ते आया बनजारा

हे आगम तै आए चिड़ि चिड़कले पाछम तै बनजारा

हे खड़ियां थी सिरस तलै मेरे सिर गोबर की हेलां


 हे मेरी सांझी तेरी चम्पा फूली

हे मेरी सांझी

तेरी चम्पा फुली आंगी कुरबान सांझी

हो मेरा सुसरा

तेरी डाढी लिकड़ा कचरा कुरबान सांझी

हे मेरी सासू

तेरे गिण गिण तोडूं पांसू कुरबान सांझी

हे मेरी नणदी

तेरी तोड़ घड़ा लूं अणदी कुरबान सांझी

सांझी चाली सांझ नै

गैल बसंता पूत

और सब चीज सिर पर धरी

बगल में मारा सूत 

हरियाणवी गीतों का मुख्य पृष्ठ पर जाएं 

Comments

Popular Posts

क्या भला मुझ को परखने का नतीजा निकला / 'मुज़फ्फ़र' वारसी

ब-रंग-ए-ख़्वाब मैं बिखरा रहूँगा / अकरम नक़्क़ाश

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स Sant Surdas ji Bhajan lyrics

Rajasthani Lokgeet Lyrics in Hindi राजस्थानी लोकगीत लिरिक्स

Ghazals of Jaun Eliya Ghazal जौन एलिया की ग़ज़लें ग़ज़ल

हिंडौले के गीत बघेली लोकगीत Hindole ke Geet Lokgeet Bagheli Lyrics

Ekadashi Vrat Katha (Ekadasi Katha) कथा 5 - Katha 5

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal