सावन के गीत : हरियाणवी लोकगीत Sawan Ke Geet : Haryanvi Lok Geet
आठ बुल्दां का रे हालिड़े नीरणा
आठ बुल्दां का रे हालिड़े नीरणा चार हालियां का छाक
बरसण लागी रे हालिड़े बादली
डौले ते डौले हालिड़े मैं फिरी हमने ना पाया थारा खेत
बरसण लागी रे हालिड़े बादली
ऊंचे तै चढ़ के गोरी देख लो गोरे बुल्द के बंध री टाल
बरसण लागी रे हालिड़े बादली
कित सी अब बौवां रै गोरी बाजरा कित सी अक जवार
बरसण लागी रे हालिड़े बादली
थालियां में बोइए हालिड़े बाजरा डहरां में बोइए जवार
बरसण लागी रे हालिड़े बादली
कितना बधा सै हालिड़े बाजरा कितनी बधी सै जवार
बरसण लागी रे हालिड़े बादली
छोटी रै पोरी गोरी बाजरा लाम्बी रै पोरी जवार
बरसण लागी रे हालिड़े बादली
आई री सासड़ सामणिया री तीज
आई री सासड़ सामणिया री तीज सीढ़ी घड़ा दै चन्दन रूख की
म्हारे तो बहुअड़ चन्दन ना रूख जाए घड़ाइए अपणै बाप के
अपणी नै दे दी पटड़ी अर झूल म्हारे ते दिया सासड़ पीसणा
फोडूँरी सासड़ चाकी के पाट बगड़ बिखेरू तेरा पीसणा
आया री सासड़ माई जाया बीर मन्नै खंदा दे री मेरे बाप कै
इबकै तो बहुअड़ मौका है नांह कातक पाछे जाइयो अपणे बाप कै
कातक पाछे सासड़ बीरे का ब्याह जबतिक जांगी बैरण दूसरे
सुण सुण रे बेटा बहुअड़ के बोल ओछे घरां की बोले बोलणे
कहो तो मां मेरी देवां हे बिडार कहो तो घालां धण के बाप कै
कहो तो मां मेरी जोगी हो जां कहो तो कालर घालूं झौंपड़ी
क्यां न रे बेटा जोगी हो जाय क्यां न रे घालै कालर झौंपड़ी
क्यां न तो बेटा दे रे बिडार न तो घालै धण के बाप कै
तेरी री दुःख में द्यूँगा बिडार तेरे दुःख में घालूँ धण के बाप कै
या धण जनमेगी पूत बेल बधेगी तेरे बाप की
या धण कुएं पणिहार सोभा लगेगी तेरे बाप की
या धण जनमेगी धीय लाड़ जामई आवै पांहुणे
आया तीजां का त्योहार
आया तीजां का त्योहार
आज मेरा बीरा आवैगा
सामण में बादल छाए
सखियां नै झुले पाए
मैं कर लूं मौज बहार
आज मेरा बीराा आवैगा
आया तीजां का त्योहार
आज मेरा बीरा आवैगा
मेरे मन में चाव घणा सै
क्या सुंदर समै बणा सै
मन्नै कर द्यो तुरत तैयार
आज मेरा बीरा आवैगा
आया तीजां का त्योहार
आज मेरा बीरा आवैगा
आया आया री सासड़ सामण
आया आया री सासड़ सामण मास डोर बटा दे री पीली पाट की
आया तो बहुअड़ री आवण दे जाय बटाइयो अपने बाप कै
आया आया री सासड़ सामण मास पटड़ी घड़ा दे चन्दन रूख की
आया तो बहुड़ री आवण दे जाय घड़ाइयो अपणे बाप कै
आया आया री सासड़ सामण मास हमनै खंदा दे री म्हारे बाप कै
इब तो बहुअड़ री खेती का काम फेर कदी जाइयो री अपणे बाप कै
ऊंची कीकर हे मां मेरी पालना री
ऊंची कीकर हे मां मेरी पालना री
हां जी कोए डालें डालें पात
क्यूँ जन्मी थी हे मां मेरी धीयड़ी री
सासू रंगाई हे मां मेरी चूंदड़ी री
अल्ले तो पल्ले हे मां मेरी खोंसड़े री
हां जी कोए बीज नणद के बोल
क्यूँ जन्मी थी हे मां मेरी धीयड़ी री
कच्चे नीम्ब की निम्बोली
कच्चे नीम्ब की निम्बोली सामण कद कद आवै रे
जीओ रे मेरी मां का जाया गाडे भर भर ल्यावै रे
बाबा दूर मत ब्याहियो दादी नहीं बुलाने की
बाब्बू दूर मत ब्याहियो अम्मा नहीं बुलाने की
मौसा दूर मत ब्याहियो मौसी नहीं बुलाने की
फूफा दूर मत ब्याहियो बूआ नहीं बुलाने की
भैया दूर मत ब्याहियो भाभी नहीं बुलाने की
काच्चे नीम्ब की निम्बोली सामणया कद आवै रे
जीओ रे मेरी मां का जाया गाडे भर भय ल्यावै रे
कड़वी कचरी हे मां मेरी कचकची जी
कड़वी कचरी हे मां मेरी कचकची जी
हां जी कोए कड़वे सासड़ के बोल
बड़ा हे दुहेला हे मां मेरी सासरा री
मीठी कचरी है मां मेरी पकपकी री
हां जी कोए मीठे मायड़ के बाल
बड़ा ए सुहेला मां मेरी बाप कै जी
माय रंगाई हे मां मेरी चुन्दड़ी री
अल्यां तो पल्यां हे मां मेरी घुँघरू री
हां जी कोए बीच दादर मोर
बड़ा ए सुहेला मां मेरी बाप कै जी
सास रंगाया हे मां मेरी पीलिया जी
अल्यां तो पल्यां हे मां मेरी छेकले जी
हां जी कोए बीच सासड़ के बोल
बड़ा ए दुहेला हे मां मेरी सासरा री
ओढूँ तो बाजै हे मां मेरी घुँघरू री
चालूँ तो बोलैं हे मां मेरी मोर
बड़ा ए सुहेला मां मेरी बाप कै जी
ओढूँ तो चिमकै हे मां मेरी छेकले जी
हां जी कोए खटकै छाती में बोल
बड़ा ए दुहेला मां मेरी सासरा री
सासरे में बहुअड़ हे मां मेरी न्यू रह्वै जी
हां जी कोए रंधै कढ़ाई में तेल
बड़ा हे दुहेला हे मां मेरी सासरा जी
पीहर में बेटी हे मां मेरी न्यूं रह्वै जी
हां जी कोए घिलड़ी में रम रह्या घी
बड़ा ए सुहेला हे मां मेरी बाप कै जी
घड़ा ए घड़े पै दोघड़ चन्दो पाणी नै जाये जी
घड़ा ए घड़े पै दोघड़ चन्दो पाणी नै जाये जी
आगे फोज मुगल पठान की चन्दो पकड़ी जाये जी
उड़दी जान्दी चिड़िया एक सन्देसा ले जाये जी
बाप मेरे नै नूं कहो थारी धी पकड़ी जाये जी
घुड़ला ले ल्यो डेढ़ सौ ऊंट ले ल्यो लख चार जी
बेटी छोड़ो चन्दरावली बाई राजकंवार जी
हम ना छोड़े चन्दरावली रानी बनै राजकंवार जी
घर जा बाबल आपणे राखूं तेरी मैं लाज जी
मुगल ने पीठ फिराई ओ तम्बू में ला दई आग जी
तम्बू जल गया जल गयी चन्दरावली राजकंवार जी
तारा पीहर अर सासरा तरी चन्दरावली राजकंवार जी
घोलो री नंणद मेंहदी के पात
घोलो री नंणद मेंहदी के पात रगड़ रचाओ मेंहदी जी राज
नणद रचाए हाथ और पां हम नै रचाई चिटली आंगली जी राज
झूठी सी रची हाथ और पां जुलम रची सै चिटली आंगली जी राज
नहा ले री धो ले कर ले सिंगार पट्टी झूला ले सच्चे मोतियां की राज
होली री भावज म्हारे री साथ आज मिला दूं बीरा आपणै ते जी राज
खोलो रे बीरा बजर किवाड़ सांकल खोलो लोहे सार की जी राज
नहीं खुले बजर किवाड़ सांकल खुले ना लोहे सार की जी राज
रिमझिम बरसै सै मींह बाहर भीजै तेरी गोरड़ी जी राज
खुल गए बजर किवाड़ सांकल खुल गई लोहे सार की जी राज
लई धण हेवड़े कै ला आंसू तो पूंजै पंच रंग चीर कै जी राज
जीवो जी नणदल थारे बीर सदा सुहागण म्हारी नणदली जी राज
द्यूँगी री नणदल बुगचे की तील छटे महीने सीधा कोथली जी राज
झुक जाय बादली बरस क्यूँ ना जाय
झुक जाय बादली बरस क्यूँ ना जाय
उत क्यूँ ना बरसो बादली जित म्हारा बीरा री देस
उत मत मरसे ए बादली जित म्हारा पिया परदेस
तम्बू तो भीजै तम्बू की रेसम डोर
चार टका दें गांठ का जे कोए लसकर जाय
वै लस्करियां न्यूँ कहो थारी घर बाहण का ब्याह
काला पीला जो कापड़ा कोए कन्या द्यो परणाय
चार टका दें गांठ का जे कोए लसकर जाय
वै लस्करियां न्यूँ कहो थारी माय मर्यां घर आय
माय नै दाबो बालू रेत में ऊपर सूल बबूल
चार टका दें गांठ का जे कोए लसकर जाय
वे लस्करियां न्यूँ कहो थारै कुंवर हूयो घर आय
कोठी चावल घी घणो बैठी कुंवर खिलाय
चार टकां दें गांठ का जे कोए लसकर जाय
वे लस्करियां न्यूँ कहो थारी जोय मर्या घर आय
जोय नै दाबो चम्पा बाग में ऊपर साल दुसाल
झुक जाय बादली बरस क्यूँ ना जाय
झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा
झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा
झूलण खातर घल्या करैं सैं पींघ सामण में
मीठी बोली तेरी सै जणो कोयल जामण में
तेरे दामण में लिसकार उठै चमक रिहा घोटा
झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा
लरज लरज कै जावै से योह् जामण की डाली
पड़ के नाड़ तुड़ा लै तैं रोवै तन्ने जामण आली
तेरे ढुंगे पै लटकै काला नाग सा मोटा
झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा
मोटी मोटी अंखियां के मांह डोरा स्याही का
के के गुण मैं कहूं तेरी इस नरम कलाई का
चंदरमा सा मुखड़ा तेरा जणों नूर का लोटा
झूलण आली बोल बता के बोलण का टोटा
झूलण जांगी ऐ मां मेरी बाग में री
झूलण जांगी ऐ मां मेरी बाग में री
आं री कोए संग सुहेली च्यार
झूलण जांगी ए मां मेरी बाग में री
कोए पंदरां की मां मेरी कोए बीस की री
आं री को संग सुहेली च्यार
झूलण जंगी ए मां मेरी बाग में री
कोए गोरी ए मां मेरी कोए सांवरी री
आं री कोए संग की सहेली च्यार
झूलन जांगी हे मां मेरी बाग में री
झोलै मैं डिबिआ ले रह्या
झोलै मैं डिबिआ ले रह्या
हाथ्यां मैं ले रह्या रूमाल
पति हो तेरी कित की त्यारी सै
बहाण मेरी सुनपत ब्याही सै
हे री तीज्यां का बड़ा त्युहार
सिंधारा लै कै जाऊंगा
टेम गाड्डी का हो रह्या सै
हे री घंटी बाज रही खड खड
गाड्डी सिर पर आ रही सै
मिठाई सतपकवानी सै
हे री सासड़ तौली खाट बिछाए
बीर मेरा भाज्या आवै सै
बीरा मेरा सिर पुचकारै सै
मैं लेई गोड्यां के बीच बिठा
बीर नैणां में आसूँ ल्या रह्या सै
हे री मेरी सासड़ भरदी नां हां
बीर मेरा आंख्यां नै आ रह्या सै
जेठ मेरा सान्नी काटै सै
मेरा देवर काढै धार
पति मेरा पलटण में जा रह्या सै
तीजां का त्योहार रितु सै सामण की
तीजां का त्योहार रितु सै सामण की
खड़ी झूल पै मटकै छोह् री बाहमण की
क्यूं तैं ऊंची पींघ चढ़ावै
क्यूं पड़ कै सै नाड़ तुड़ावै
योह् लरज-लरज के जावै डाल्ही जामण की
तीजां का त्योहार रितु सै सामण की
तीजां बड़ा त्योहार सखी हे सब बदल रही बाना
तीजां बड़ा त्योहार सखी हे सब बदल रही बाना
हे निकली बिचली गाल़ जेठानी मार दिया ताना
हे जिनका पति बसें परदेस ऐसे जीने से मर जाना
हे बांदी ल्यावो कलम दवात पति पै गेरूं परवाना
लिखी सब को राम राम गोरी के घर पै आ जाना
चाहे लगियो डेढ़ हज़ार तने अपना नाम कटवाना
नांनी नांनी बूंदियां मीयां बरसता हे जी
नांनी नांनी बूंदियां मीयां बरसता हे जी
हां जी काहे चारूं दिसां पड़ेगी फुवार
हां जी काहे सामण आया सुगड़ सुहावणा
संग की सहेली मां मेरी झूलती जी
हमने झूलण का हे मां मेरी चाव जी
हां जी काहे सामण आया सुगड़ सुहावणा
सखी सहेली मां मेरी भाजगी जी
हां जी काहे हम तै तो भाज्या ना जाय
पग की है पायल उलझी दूब में जी
नांनी नांनी बूंदियां मीयां बरसता जी
हां जी काहे चारूं पास्यां पड़ेगी फुवार
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा
एक झूला डाला मैंने बाबल के राज में
बाबल के राज में
संग की सहेली हे सावन का मेरा झूलणा
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलना
ए झूला डाला मैंने भैया के राज में
भैया के राज में
गोद भतीजा हे सावन का मेरा झूलना
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलना
बर के गोदे झूलती रे बिटाऊ ढोला सात सहेलिन बीच
बर के गोदे झूलती रे बिटाऊ ढोला सात सहेलिन बीच
सातुन के मुख ऊजरे मेरी डाबर नैनी त्यारों मैलो क्यों भेख
सातुन के ढोला घर रहे रे बिटाऊ ढोला हमरे गये परदेस
संग चलो ते ले चलून मेरी डाबर नैनी चलो न हमारे साथ
सोने सूं कर दूं पीयरी मेरी डाबर नैनी चांदी सेत सपेत
आग लगाऊं तेरी पीयरी रे बिटाऊ ढोला मौछन बड़ो अंगार
डाढी तो जराऊं तेरे बाप की रे बिटाऊ ढोला जरी जाइयो सेत सपेत
उन पीयन की हम गोरड़ी रे बिटाऊ ढोला तुम से भरें कहार
एक बिटाऊ ढोला यूं कहै मेरी सासुल रानी चलो न हामरे साथ
कैसे तो बिन के कापरे मेरी बहुअल रानी कैसे सुरत उनिहार
धौरे ते बिन के कापरे मेरी सासुल रानी लौहरे देवर उनिहार
वेही तुम्हारे साहबा मेरी बहुअल रानी गई क्यूं ना बिन के साथ
भाजूं तो पहुंचूं नहीं मेरी सासुल रानी हेला देते आवै लाज
मुड़ मुड़ डालै झूलती सुनहरी ढोला
मुड़ मुड़ डालै झूलती सुनहरी ढोला
सात जणी कै साथ
बड़ का तो डाला टूट गया
हेरी मेरी सासड़ राणी
साथण्यां का बिछडूया साथ
और सखी सब बाह्वड़ी
हे मेरी बहुअड़ राणी
तैं कित ला दई बार
बाटें तो जांदा बटेऊ
हेरी मेरी सासड़ रानी
झगड़े ते ला दई बार
मीठी तो कर दे मेरी मां कोथली
मीठी तो कर दे मेरी मां कोथली जांगा बाहण कै री देस
मीहां नै झड़ ला दिए
क्यूँ कर जागा रे बेटा बाहण के देस आगे रे नदी ए खाय
सिर पै तो धर ल्यूँ मेरी मां कोथली छम दे सी मारूंगा छाल
मीहां नै झड़ ला दिए
आगै तो बैठी बाहण पा गई कह बीरा घर की रै बात
मीहां नै झड़ ला दिए
अम्मा बी राजी बाबल बी राजी बीरा तो आया लणिहार
मीहां नै झड़ ला दिए
तीजां का आया त्यौहार मौसी री बेबे घल दे
मीहां नै झड़ ला दिए
तीजां का आया सै त्यौहार लाडो तो घर नै आ गई
मीहां नै झड़ ला दिए
मीट्ठी तो कर दे री मोस्सी कोथली
मीट्ठी तो कर दे री मोस्सी कोथली, सामण री आया गूंजता
जाऊंगी री मेरी बेब्बे के देस, सामण री आया गूंजता
किसीयां के दुख में बेब्बे दूबली
किसीयां नै बोल्ले सैं बोल, सामण री आया गूंजता
सासड़ के दुःख में बीरा दूबली
नणदी नै बोले सैं बोल, सामण री आया गूंजता
नणदी ने भेजांगे बेब्बे सासरै
सासू नै चक लगा राम, सामण री आया गूंजता
मेरी पींघ तले री लांडा मोर
मेरी पींघ तले री लांडा मोर
रे बीरा बारी बारी जां
मैं तो लाऊंगी मेरे बीरै के हाथ
रे बीरा बारी बारी जां
मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै
मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै
हेरी बागां में जाऊं तो माली ललचै
मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै
हेरी तालां पै जाऊन तो धोबी ललचै
मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै
हेरी सेज पे जाऊं तो बलमा ललचै
मेरे गोरे बदन पै रंग बरसै
मोटी मोटी बून्दां झले पै आई
मोटी मोटी बून्दां झले पै आई
तो गाबरू नै चाद्दर ताणी, हो मन्ने तेरी सोंह
जद वोह् चाद्दर भीजण लागी
तो गाबरू नै छतरी ताणी, हो मन्ने तेरी सोंह
जद वोह् छतरी भीजण लागी
तो गाबरू नै बैल जुड़ाई, हो मन्ने तेरी सोंह
बाजणी सी बैल बिदकणे से नारे
तो गाबरू नै बांह तुड़ाई, हो मन्ने तेरी सोंह
रे गगन गरजै झिमालै बिजली
रे गगन गरजै झिमालै बिजली
पड़ै बुन्दिया भरैं क्यारी
समै बिरखा लगै प्यारी
कहां गए सेज के रसिया
लगा गये एक के तकिया
कहां गए बाग के माली
लगा गए एक सी डाली
रे गगन गरजै झिमालै बिजली
पड़ै बुंदियां भरै क्यारी
समै बिरखा लगै प्यारी
लाट्टू मेरा बाजणा, बजार तोड़ी जाइयो जी
लाट्टू मेरा बाजणा, बजार तोड़ी जाइयो जी।
मां मेरी ने भेजी कोथली, मेरा मां जाया आइयो जी।
उठ उठ बेबे तावली, तेरा बीर खड़ा दरबार जी।
कयूंकर उठूं कयूंकर बैठूं, बिछवां की चमकार जी।
बिछवां ऊपर हरा नगीणा, चुन्दड़ी छापेदार जी।
अगड़ पड़ोसन बूझण लागी, के के चीजां ल्यायो जी।
भरी पिटारी मोतियां की, जोड़े सोलां ल्यायो जी।
लाट्टू मेरा बाजणा, बजार तोड़ी जाइयो जी।
लाल कुसमियां पुगाइयो मेरे बाबल
लाल कुसमियां पुगाइयो मेरे बाबल
झूला झूलण हम आई रे
अम्मां नै भेजा है नौ मन सोना
बाबल नै बटवा बटोर रे
भैया ने भेजा है नीला सा घोड़ा
भाभी का सब सिंगार रे
नौ मन सोना मैं नो दिन पहनूं
फट जाए बटवा बटोर रे
नीला सा घोड़ा मैं सदर दौड़ाऊं
भाभी का अचल सुहाग रे
अम्मां कहे मेरे नित उठ आवो
बाबल कहे छट मास रे
भैया कहे मेरे काज परोजन
भाभी कहे क्या काम रे
फट जाए धरती मैं बीच समा जाऊं
भाभी नै बोले हैं बोल रे
अम्मां के होते भाभी ने बोले
पीछे से क्या होगा हाल रे
अम्मां को कहना मेरी नमस्ते
बाबल को कहना प्रणाम रे
भैया को कहना युग युग जीवे
भाभी की गोदी में लाल रे
लाल कुसमियां पुगाइयो मेरे बाबल
झूला झूलण हम आई रे
सात जणी का हे मां मेरी झूलणा जी
सात जणी का हे मां मेरी झूलणा जी
पड्या पिंजोला हरियल बाग में जी
अस्सी गज का हे मां मेरी घाघरा जी
उसमें कली सैं तीन सौ साठ जी
पड्या पिंजोला हरियल बाग में जी
सामण आया हे मां मेरी मैं सुण्या जी
सामण आया हे मां मेरी मैं सुण्या जी
हां जी कोए आई है नवेली तीज
पड़ी ए पंजाली हरियाल बाग में जी
ले लो बांदी पटड़ी ए झूल
कोए चलो तो म्हारे साथ जी
भले ए घरां की कंवर निहाल
बांगां ना जाइयो बैरण झूलणै
थम नै तो लाडो झूलण रा चाव
झूला घला द्यां अपणै बाग में जी
तेरी तो रोकी अम्मां मेरी ना रहूं जी
हां जी कोए सब कोए झूलण नै जांय
पड़ी ए पंजाली हरियल बाग में जी
एक डस झूले बाह्मण बाणिये जी
हां जी एक डस रांघड़ और राजपूत
बिच बिच झूले कंवर निहालदे जी
सामण आया हे सखी सामण के दिन चार
सामण आया हे सखी सामण के दिन चार
उन के ते सामण के करै जिनके बुलद न बीज
तड़के ते जाँगी लक्खी बाप कै ल्याउंगी बुलद अर बीज
बुड्ढा ते दीन्हा ढांढिया बोदी तो दे दी जवार
हांक्या ना चाल्या बाबुल ढांढिया बोई ना जामी जवार
खूंटी ते बांधो बेटी ढांढिया कोठी ते घालो हे जवार
टग टग तै चाल्या बेटी ढांढिया सण जू जामी जवार
सामण का महीणा मेघा रिमझिम रिमझिम बरसै
सामण का महीणा मेघा रिमझिम रिमझिम बरसै
मन नै समझाऊं तो बी बैरी जोबन तरसै
तीजां के दिनां की तो थी आस बड़ी भारी
ऐसे में भी न आए मैं पड़ी दुखां की मारी
सामण का महीना मेघा रिमझिम रिमझिम बरसै
मन नै समझाऊं तो बी बैरी जोबन तरसै
सासड़ नै भेजी हे मां मेरी चुंदड़ी जी
सासड़ नै भेजी हे मां मेरी चुंदड़ी जी,
ए जी कोई दे भेजी मेरी सास, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
अलां तो पलां हे मां मेरी छेकले जी,
ए जी कोई बी सासड़ के बोल, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
ओढूँ तो दीखै हे मां मेरी छेकले जी,
ए जी कोई रड़कै सासड़ के बोल, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
सासरे में बेट्टी हे मां मेरी न्यूं रह्वै जी,
ए जी कोई ज्यूं रै कढ़ाई बीच तेल, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी।
सासू तो बीरा चूले की आग
सासू तो बीरा चूले की आग
ननद भादों की बीजली
सौरा तो बीरा काला सा नाग
देवर सांप संपोलिया
राजा तो बीरा मेंहदी का पेड़
कदी रचै रे कदी ना रचै
हरी ए झंजीरी मनरा न पहरूं
हरी ए झंजीरी मनरा न पहरूं
मनरा हरा ए म्हारा राजा जी का बाग, सुलतानी जी का बाग
मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का
काली ए झंजीरी मनरा न पहरूं
मनरा काला ए म्हारा राजा जी का सिर, सुलतानी जी का सिर
मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का
धोली ए झंजीरी मनरा न पहरूं
मनरा धोला ए म्हारा राजा जी का दांत, सुलतानी जी का दांत
मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का
पीली झंजीरी ए मनरा न पहरूं
मनरा पीला ए म्हारा राजा जी का कापड़ा, सुलतानी जी का कापड़ा
मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का
सरबै झंजीरी ए मनरा मैं पहरूं
यो मेरा राजा जी का सर्व सुहाग, सुलतानी जी का सर्व सुहाग
मनरा तो मेरी जान चुड़ला तो हात्थी दांत का
हरी ये जरी की हे मां चुन्दड़ी जी
हरी ये जरी की हे मां चुन्दड़ी जी,
हे जी कोई दे भेजी मेरी माय, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
अलां तो पलां हे मां मेरी घुँघरू जी,
एजी कोई बीच मायड़ के लाड़, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
बैठूं तो बाजै हे मां मेरी चुंदड़ी जी,
ए जी कोई पियारे मायड़ के बोल, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
पीहर में बेटी हे मां मेरी न्यूँ रह्वै जी,
ए जी कोई ज्यूँ खिचड़ी बीच घी, इन्द राजा नै झड़ी ए लगा दई जी
हे री आई सै रंगीली तीज
हे री आई सै रंगीली तीज, झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी
बूड्ढा आया हे मां मेरी लेण नै जी, हां जी कोये नां जां बुड्ढे के साथ
झूलण जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी
हे री आई सै रंगीली तीज, झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी
जेठा आया हे मां मेरी लेण नै जी, हां जी कोये नां जां जेठे के साथ
झूलण जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी
हे री आई सै रंगीली तीज, झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी
देवर आया हे मां मेरी लेण नै जी, हां जी कोये नां जां पाली के साथ
झूलण जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी
हे री आई सै रंगीली तीज, झूलन जांगी हे मां मेरी बाग मैं जी
कन्था आया हे मां मेरी लेण नै जी, हां जी कोये इब जां कन्थै के साथ
झूलण जांगी हे री हरीयल बाग मैं जी
हे री सखी सावन मास घिरण लाग्यो
हे री सखी सावन मास घिरण लाग्यो
ननदी ऐसा खत लिखवा दो मेरे प्रीतम को बुलवा दो
भाभी मेरा बीर नहीं आवै वो तो पहुंचा ज़िला मुलतान में
ननदी अपने बाबल ने कहदे मन्ने अपने घर घलवा दे
मेरी माता खुसी मनावे आ गई मरवण आज
बेटी तेरी साथ की झूलें तुम भी झूलो चम्पा बाग में
एरी सब सखियां हार सिंगारै हमते तारें हार सिंगार नै
एरी मेरे बांई हाथ को कांगणी ले गया काग उठाय के
आने पटकी ज़िला मुलतान में तित बैठा नर सुलतान जी
आइयो री मेरी कांगणी किस विध आई मेरे पास री
ऐसी सब सखियां झूला झूलें आई ना कुंवर निहालदे
उसका मां बाप सब रोया उसकी रावै छोटी बाहण जी
परितम भले वक्त पर आये सिर के केस जलन नहीं पाये
हाथ की मैहंदी छूटण नहीं पाई माथे की बिंदी छूटन नहीं पाई
रह गई कुंवर निहाल दे
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