जन्म के समय गाए जाने वाले गीत : हरियाणवी लोकगीत Janm Geet : Haryanvi Lok Geet
अजी केले से आवै हमें बांस
अजी केले से आवै हमें बांस, महल केला किन बोया
मुक्के मारूं पचास, धक्के देऊन डेढ़ सौ
गोरी महलों से करूंगा जवाब, चली जाओ बाप के
गोरी महलों से दूंगा निकाल, महल केला हम बोया
मेरे बीरा बाढ़ी के, गड्डी गढ़ला बाजनी
हमारे राजा ने दिया है जवाब, चली जाओ बाप के
गोरी नै एक बन लांघा, दूजा बन लांघा
तीजे में हुए नंदलाल, विपत में सम्पत भई
काहे का करूं ओढ़ना, काहे का करूं बिछावना
ए जी काहे की पिलाऊं रस घुट्टी, विपत में सम्पत भई
इतनी तो सुनि कै सासू आई, बहू घर चलो
सासड़ मुड़ तुड़ लगूं थारे पांय, पोता तो दूंगी गोद में
इतनी तो सुन कै जिठानी आई, बहू घर चलो
जिठानी मुड़ तुड़ लगूं थारे पैर, बेटा दूंगी गोद में
इतनी सी सुन कै नन्दल आई, भाभी रानी घर चलो
बीबी मुड़ तुड़ लगूं तेरे पैर, भतीजा दूंगी गोद में
इतना तो सुनि कै राजा भी आये, प्यारी घर चलो
राजा जी तुम ने दिया है जवाब, जाओ घर बाप के
पिया से रूठे गोरी ना सरै, ना सरै गोरी बाप के
प्यारी मुड़ तुड़ लगूं थारे पैर, हमारी रानी घर चलो
इस इमली के ओड़े चोड़े पात
इस इमली के ओड़े चोड़े पात
इमली तले साधण खड़ी
के म्हारी गोरी थमनै इमली की साध
के इमली तेरै मन बसी
ना राजा जी म्हारे इमली की साध
न इमली म्हारे मन बसी
हम नै तो म्हारा मारू प्यार की साध
आज रहो म्हारे महल में
पौ पाटी जद होई परभात
नाई कै नै दूब टांगिआ
के नाई का म्हारे जन्मी सै म्हैंस
के घोड़ी घुड़साल में
ना म्हारा जजमान जन्मी सै म्हैंस
ना घेड़ी घुड़साल मैं
थारे म्हारा जिजमान जनम्या सै पूत
बेल बधी थारे बाप की
कहियो सुसरा जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै
कहियो सुसरा जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै
ऐठक बेचे, बैठक बेचे, दुकान बेच मंगा दे
मेरा दिल खट्टे बेरां नै
मेरे पेट में नरवर गढ़ में आला झाला
मोटी मोटी अंखिया झीणा सुरमा बेर ही बेर पुकारे
मेरा दिल खट्टे बेरां नै
कहियो देवर जी से मेरा दिल खट्टे बेरां नै
बस्ता बेचे, पट्टी बेचे, पोथी बेच मंगा दे
मेरा दिल खट्टे बेरां नै
मेरे पेट में नरवर गढ़ में आला झाला
मोटी मोटी अंखिया झीणा सुरमा बेर ही बेर पुकारे
मेरा दिल खट्टे बेरां नै
कित तै आए अर्जन पांडे
कित तै आये अर्जन पाण्डे? कित तै आये अनुमान?
हनुमान पियारे।
आगम तैं आये अर्जन पाण्डे, पाच्छम तै आये हनुमान।
ये किन जाये अर्जन पाण्डे? ये किन जाये हनुमान?
कुन्ती ने जाये अर्जन पाण्डे, अंजनी ने जाये हनुमान।
कित उतरैंगे अर्जन पाण्डे? कित उतरैंगे हनुमान?
समंदर उतरैं अर्जन पाण्डे, मंदर में उतरैं हनुमान?
कित बैठैंगे अर्जन पाण्डे? कित बैठैंगे हनुमान?
चन्दन चौकी अर्जन पाण्डे, लाल पिलंग हनुमान।
के पहरैंगे अर्जन पाण्डे? के पहरैंगे हनुमान?
चोला बस्तर अर्जन पाण्डे, लाल लंगोटा हनुमान।
के जीमेंगे अर्जन पाण्डे? के जीमेंगे हनुमान?
बूरा चावल अर्जन पाण्डे, सरस मलीदा हनुमान।
कद सुमरैंगे अर्जन पाण्डे, कद सुमरैंगे हनुमान।
सुख में समुरैं अर्जन पाण्डे, भीड़ पड़ी पै हनुमान।
या किन तोड़ी लाल पिलंगिया? या किन तोड़ी गढ़ लंक?
अर्जन तोड़ी लाल पिलंगिया, हनु तोड़ी गढ़ लंक।
जैसे कारज राजा रामचन्दर के सारे।
वैसे हमारे (दादा, ताऊ पिता के नाम) के सारे।
हनुमान पियारे।
कित रै घडिये कढाईयां
कित रै घडिये कढाईयां
कित रै घडिये चमचा
मीट्ठी लागै पंजीरियां
मेरठ घढिये कढाईयां
दिल्ली घढिये चमचा
मीट्ठी लागै पंजीरियां
कुण जै ल्यावै कढाईयां
कुण जै खुरचैगा दाम
मीट्ठी लागै पंजीरियां
सुसरा ल्यावै कढाईयां
जेठा खुरचैगा दाम
मीट्ठी लागै पंजीरियां
कुण जै करै कढाईयां
कुण जै फेरै चमचा
मीट्ठी लागै पंजीरियां
सासड़ करैं कढाईयां
नणन्दल फैरे चमचा
मीट्ठी लागै पंजीरियां
कुण जै खागी पंजीरियां
कुण जै चाटैगा होठ
मीट्ठी लागै पंजीरियां
जच्चा खा गी पंजीरियां
कन्था चाटैगा होठ
मीट्ठी लागै पंजीरियां
किधर तै आई दाई किधर ते आया नाई
किधर तै आई दाई किधर ते आया नाई
किधर तै आई नणंद बीजली
या तेरी मां की जाई
भीतर आजा मेरी नणंदी लगूंगी तेरे पाएं
के मांगेगी दाई माई के मांगेगा नाई
के मांगेगी नणंद बीजली
या तेरी मां की जाई
भीतर आजा...
पांच रपइए दाई मांगै सवा रपइया नाई
पच्चीस मांगे नणंद बीजली
या तेरी मां की जाई
भीतर आजा...
पांच रपइए दाई ने देद्यो सवा रपइया नाई
एक अठन्नी नणंद बीजली
या तेरी मां की जाई
भीतर आजा...
कुरडी कूड़ा हे जी गेरती
कुरडी कूड़ा हे जी गेरती
कान गई भनकार
बेटा तै जाया माई जाया बीर कै
पिरस चढ़न्ता सुसरा बूझिया
कहो तै पीहर जां
बेटा तै जाया...
हम नहीं जाणा म्हारी कुल बहू
जेठ तेरे नै हे बूझ
धार कढ़ता जेठा बूझिया
कहो ते पीहर जां
बेटा तै जाया...
हम नहीं जाणां म्हारी कुल बहू
देवर तेरे नै हे बूझ
खुलिया खेलन्ता देवर बूझिया
कहो ते पीहर जां
बेटा तै जाया...
हम नहीं जाणां म्हारी भावज जी
कन्धे तेरे नै हे बूझ
कहो तै पीहर जां
बेटा तै जाया...
हम नहीं जाणां म्हारी गोरडी
सास तेरी नै हे बूझ
बेटा तै जाया माई जाया बीर कै
के दुःख री तन्नै सास का, के तेरे पिया परदेस
के दुःख री तन्नै सास का, के तेरे पिया परदेस।
ना दुःख री मन्नै सास का, कोए ना मेरे पिया परदेस।
एक दुःख री मन्नै कोख का, कोए या मेरे मारै सै मान।
तेरे री बाहण के सात पुत्तर, कोए एक उधारा जै लेय।
सुन्नै री चांदी मिलैंसे उधारे, कोए लाल उधारे ना देय।
गेहूं चावल मिलैंसे उधारे, कोए लाल उधारे न देय।
मेरे पिछोकड़े खात्ती का, कोए ल्याऊं छुरीअ घड़वाय।
चीरूं ए फोडूं या कोख नै, या कोए मेरे मारै सै मान।
खाल कढ़ा के भूस भराऊं, कोए भुस में दिला द्यूंगी आग।
बारह बरस में कोख बाहुड़ी, जनमे सैं अरजन सरजन से लाल।
सास बुलाऊं नणद बुलाऊं कोए नेग दिलाद्यूं जी आज।
कोई मांगी कढ़ाई ना देय मेरा दिल हलुवै नै
कोई मांगी कढ़ाई ना देय मेरा दिल हलुवै नै।
जैसे तैसे मैंने लई कढ़ाई सासू जी आटा ना देय
मेरा दिल हलुवै नै।
जैसे तैसे मैंने आटा लीया जिठाणी मीठा ना देय
मेरा दिल हलुवै नै।
जैसे तैसे मैंने मीठा लीया द्योराणी घी ना देय
मेरा दिल हलुवै नै।
जैसे तैसे मैंने घी भी लीया नणदल चूल्हा ना देय
मेरा दिल हलुवै नै।
जैसे तैसे मैंने हलुवा बनाया होलरिया खाण ना देय
मेरा दिल हलुवै नै।
कोड्डी कोड्डी बगड़ बुहारूँ
कोड्डी कोड्डी बगड़ बुहारूं,
दर्द उठा सै कमर में, हो राजीड़ा
इबना रहूंगी तेरे घर में।
द्योराणी जिठानी बोल्ली मारैं,
जिब क्यूं सौवै थी बगल में, हो राजीड़ा
इबना रहूंगी तेरे घर में।
सास नणद मेरी धीर बन्धावै,
होती आवै सै जगत में, हो राजीड़ा,
इबना रहूंगी तेरे घर में।
छोटा देवर खरा रसीला,
दाई नै बुलावै इक छन में, हो राजीड़ा,
इब ना रहूंगी तेरे घर में।
छोटा देवर नै बाहण बियाह द्यूं
दाई बुलाई इक छन में, हो राजीड़ा,
इब ना रहूंगी तेरे घर में।
चंदन रुख कटाय कै
चंदन रुख कटाय कै
एक अगड़ पलणिआ घड़ा
मेरे आंगण में अमला बो दिआ।
एक रेसम डोर बटाय के
अगड़ पलणिया झूला
मेरे अंगण...
एक धण पिआ दोनूं बैठगे
दोनूं मैं पड़ग्या न्याव
मेरे अंगण...
गोरी जो थम जन्मोगी धीअड़ी
थारे काट ल्यांगे नाक अर कान
मेरे अंगण...
राजा धी जामैगी थारी भावज
कोए हम रै जामांगे नंदलाल
मेरे अंगण...
कोए ये नो पे दस मासिआं
हो गया नंदलाल
मेरे अंगण ....
इक भली ए करी मेरे राम ने
मेरे बचगे नाक अर कान
मेरे अंगण...
गोरी हम रै कह्या हंस खेल कै
कोए थम नै करी सतभा
मेरे अंगण...
चलो म्हारा राजीड़ा जी सहरां मैं चाली
चलो म्हारा राजीड़ा जी सहरां मैं चाली
जे कोई जो जे कोई बालक पकड़ै आंगली जी
बोली ए धन मूरख गंवार
बिन जायां कैसे पकड़ै आंगली जी
लीप्या पोत्या बांझडली कै सोभ
ना कोई जी ना कोई बाल खेलैं आंगणै जी
चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है
चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है
ललणा तो जाया पूनो की आधी रात है- टेक
सासू भी आवै दिवला चसावै
दिवला चसाई मांगै झगड़े की बात है- चुप...
जिठाणी भी आवै पिलंग बिछावै,
पिलंग बिछाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
नणदल भी आवै सतिये लगावै
सतिये लगाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
देवर भी आवै बंसी बजावै
बंसी बजाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
दाई भी आवै होलर जणावे,
होलर जणाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
छम छम छनन अटरिआ चढ़गी गोदी में
छम छम छनन अटरिआ चढ़गी गोदी में ले कै ललणा
सासू बी आवै चरवा चढ़ावै नेग दिलाओ जच्चा
रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा
जिठानी बी आवै पिलंग बिछावै नेग दिलाओ जच्चा
रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा
नणन्द भी आवै सतिये लगावे नेग दिलाओ जच्चा
रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा
देवर भी आवै बंसी बजावे, नेग दिलाओ जच्चा
रंग महल में बंटे बधाई खुसी रहो बच्चा
जच्चा की चटोरी जीभ जलेबी मंगवा द्यो नां
जच्चा की चटोरी जीभ चलेबी मंगवा द्यो नां
उसकी सासू गिरवै रखद्यो ससुरै का लगवा द्यो ब्याज
जलेबी मंगवा द्यो नां
उसकी जिठाणी नै गिरवै रखद्यो जेठै का लगा द्यो ब्याज
जलेबी मंगवा द्यो नां
उसकी देवरानी गिरवै रखद्यो देवर का लगा द्यो ब्याज
जलेबी मंगवा द्यो नां
उसकी ननद ने गिरवै रखद्यो ननदोइए का लगा द्यो ब्याज
जलेबी मंगवा द्यो नां
जच्चा की चटोरी जीभ जलेबी मंगवा द्यो नां
जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी
जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी
जच्चा तै म्हारी कुछ नां जाणै जी
जच्चा तै म्हारी कीड़ी तै डरपै जी
सांप मार सिराणै दीन्यां बीच्दू मार बगल मैं दीन्यां
जच्चा तै म्हारी कीड़ी तै डरपै जी
जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी
जच्चा तै म्हारी कुछ नहीं खाती जी
चार कनस्तर घी के खागी नौ बोरी तै खांड जी
जच्चा तै म्हारी कुछ नहीं खाती जी
जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी
जच्चा तै म्हारी लड़ना नां जाणै जी
आई गई का लहंगा पाड़ै सास नणन्द की चुटिया जी
जच्चा तै म्हारी लड़ना नां जाणै जी
जच्चा तै म्हारी याणी भोली जी
जच्चा तो मेरी भोली भाली री
जच्चा तो मेरी भोली भाली री
जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री
चार कनस्तर घी के खागी ढाई मण पक्का बूरा री
जच्चा तो मेरी पाणी ना मांगे री
जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री
सांप मार सिरहाणे धर लिया बीच्छू मार बगल मैं री
जच्चा तो मेरी मच्छरों तै डरदी री
जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री
आए गयां का लहंगा पाड़े सास नणंद की चुटिया री
जच्चा तो मेरी लड़ना ना जाणै री
जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री
जेठ सुसर की काण ना मानै देवर तै राड़ जगावै री
जच्चा तो मेरी सरम हजारी री
जच्चा तो मेरी बड़ी हरियाली री
जच्चा ने बच्चा जाया है, दिन खुसी का आया है
जच्चा ने बच्चा जाया है, दिन खुसी का आया है।
जच्चा! तेरी सासू आवेगी, वो चरुवा चढ़ाई नेग मांगेगी।
तुम उनका नेग दिला देना, नहीं तुम पर झगड़ा डालेगी।
जच्चा! तेरी जिठानी आवेगी, वो परदा टंकाई नेग मांगेगी।
तुम उनका नेग दिला देना, नहीं तुम पर झगड़ा डालेगी।
जच्चा! तेरी दौरानी आवेगी, वो पलंग बिछाई नेग मांगेगी।
तुम उनका नेग दिला देना, नहीं तुम से रार मचायेगी।
जच्चा! तेरी नन्दल आवेगी, सतिये धराई नेग मांगेगी।
तुम उनका नेग दिला देना, नहीं तुम से रार मचायेगी।
जच्चा हाय मैया हाय दैय्या करती फिरै
जच्चा हाय मैया हाय दैय्या करती फिरै हांडी सा पेट घुमाती फिरै।
दाई आवै होलड़ जनावै वानै बी नेग दिलावती फिरै।
जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै।
सासड़ आवै सथिया धरावै वाने बी नेग दिलावती फिरै।
जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै।
जिठानी आवै पलंगा बिछावै वानै बी नेग दिलावती फिरै।
जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै।
दौरानी आवै दीवा बलावै वानै बी नेग दिलावती फिरै।
जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै।
नणदल आवै दूधी धुलावै वानै बी नेग दिलावती फिरै।
जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै।
पड़ोसन आवै गीत गवावै वानै बी नेग दिलावती फिरै।
जच्चा हाय मैय्या हाय दैय्या करती फिरै।
जन्में हैं राम अजुध्या मैं
जन्मे हैं राम अजुध्या मैं कुसल्या जी के
दाई बी आवै, होलर जणावै
होलर जणाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से
सासू बी आवै, चावल चढ़ावै
चावल चढ़ाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से
जिठाणी बी आवै, पिलंग बिछावै
पिलंग बिछाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से
नणदल बी आवै, सतिए लगावै
सतिए लगाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से
देवर बी आवै, बंसी बजावै
बंसी बजाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से
नायण बी आवै, नगर बुलावै
नगर बुलाई नेग मांगै राजा दसरथ जी से
बाहमण बी आवै, नाम धरावै
नाम धराई नेग मांगै राजा दसरथ जी से
जिद्दिन लाडो तेरा जनम हुआ
जिद्दिन लाडो तेरा जनम हुआ है जनम हुआ है
हुई है बजर की रात
पहरे वाले लाडो सो गए लग गए चन्दन किवाड़
टूटे खटोले तेरी अम्मा वो पौढ़े बाबल गहर गम्भीर
गुड़ की पात तेरी अम्मा वह पीवै टका भी खरचा न जाय
सौ सठ दिवले बिटिया बाल धरे हैं तो भी गहन अंधेर
जिस दिन लल्ला तेरा जनम हुआ है हुई है स्वर्ण की रात
सूतो के पलंग लल्ला अम्मा भी पौढ़े सुरभि का घृत मंगाय
बूरे की पात तेरी अम्मा तो पीवै बाबल लुटावै दाम
एक दिवला रे लल्ला बाल धरा है चारों ही खूंट उजाला
जिद्दिन लल्ला तेरा जन्म हुआ है हुई स्वर्ण की रात
जी पहला मास जै लागिया, दूध दही मन जाय
जी पहला मास जै लागिया, दूध दही मन जाय,
मेरे अंगणा में अमला बो दिया।
दूजा मास जै लागिया, मेरा निबुआं में मन जाय,
मेरे अंगणा में अमला बो दिया।
तीजा मास जै लागिया, मेरा बेरा में मन जाय,
मेरे अंगणा में अमला बो दिया।
चौथा मास जै लागिया, मेरा लाडूआं ने मन जाय,
मेरे अंगणा में अमला बो दिया।
पांचवां मास जै लागिया, मेरा खरी पूडां में मन जाय,
मेरे अंगणा में अमला बो दिया।
छटा मास जो लागिया, मेरा गूंद गिरी मन जाय,
मेरे अंगणा में अमला बो दिया।
सातवां मास जै लागिया, मेरा फलियां में मन जाय,
मेरे अंगणा में अमला बो दिया।
आठवां मास जै लागिया, मेरा धाणी में मन जाय,
मेरे अंगणा में अमला बो दिया।
नौवां मास जै लागिया, मेरा होलड़ सबद सुणाय,
मेरे अंगणा में अमला बो दिया।
जै री माता तू सतजुग की कहिए राणी
जै री माता तू सतजुग की कहिए राणी
रसते में बाग लुगाया माता सतजुग की।
पाछा तो फिरके देखो रे लोको,
आम्ब अरनीबू झड़न लागे माता सतजुग की।
माता की राह में बांझ पुकारे,
माता देह री पुत्तर घर जाएं माता सतजुग की।
पाछा तो फिर के देखो रे लोगो
पुत्तर खिलांदी घर जाए माता सतजुग की।
तेरा दादा घढ़ावै अटल पलना
तेरा दादा घढ़ावै अटल पलना
तेरी दादी झुलावै तू झूल ललना
मेरा छोटा सा झूलै अटल पलना
मेरा बाला सा झूलै अटल पलना
तेरा ताऊ घढ़ावै अटल पलना
तेरी ताई झूलावै तू झूल ललना
मेरा छोटा सा झूलै अटल पलना
मेरा बाला सा झूलै अटल पलना
तेरा चाचा घढ़ावै अटल पलना
तेरी चाची झुलावै तू झूल ललना
मेरा छोटा झूलै अटल पलना
मेरी बाला सा झूलै अटल पलना
दरद हमने सहे ये सैयां के लाल कैसे कहाये
दरद हमने सहे ये सैयां के लाल कैसे कहाये
आओ सास रानी बैठो पलंग पर
हमारा न्याव चुकाओ सैयां के लाल कैसे कहाये
चाहे बहू मारो चाहे बहू छोड़ो
लाल तो बेटे के कहाये, तुम्हारे लाल कैसे कहाये
आओ नणद रानी बैठो पलंग पर
हमारा न्याव चुकाओ सैयां के लाल कैसे कहाये
चाहे भाभी मारो चाहे गरियाओ
लाल तो भैया के कहाये, तुम्हारे लाल कैसे कहाये
मैं पड़ीसूं वीर की कैद लाल मेरी कैद छुड़ाओ जी महाराज
मां मैं क्यूँकर जनम जे ल्यू
टुटी खटिया फटी गुदड़िया छोरड़ा कह कै बोलो जी महाराज
जो लाला थम जनम ले ल्यो, सूतो के पिलंगा मखमल के गद्दा
किरसन कह कै बोलें हर कह कै बोलें जी महाराज
आधी सी रात अर खुले हैं किवाड़ पहरेदार सोये जी महाराज
दिल्ली सहर से पति खद्दर मंगा द्यों जी
दिल्ली सहर से पति खद्दर मंगा द्यो जी
हिन्दी लीलगर पै पीला रंग द्यो जी
अल्यां तै पल्यां मोर पपीहे
घूंघट पै ओउम सान्ती लिखा द्यो जी
पति प्यारे जी
जुग जुग जीओ सास ससुर जी
जिनने अमर बेल फेलाई जी
दूर दिसावर सै आई नणंदिया, भाई भतीजे के चाव
दूर दिसावर सै आई नणंदिया, भाई भतीजे के चाव
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
दस के तो हंसली दस क कडूले यो ही री भाभी नेग मेरा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
टाट की अंगिआ मूंज की तगिआ, यो ही बीबी जी नेग तेरा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
लेणा होए तो ले ले नणंदिया, नहीं तो करूंगी बुरा हाल
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
मेरी री आंगण गां का खूंटा, उसमें पड़या है मोटा रस्सा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
रस्से से बांधूं नणद हठीली, रेसम से बांधूं तेरा भइआ
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
कस कर बांधूं नणद हठीली, ढीला सा बांधूं तेरा भइआ
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
आधी सी रात निकल रहे तारे, नणद गई है खूंटा पाड़
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
सास नणद की पूछण लागी, क्या कुछ बहुअड़ नेगी
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
संग की सहेली पूछण लागी, के कुछ ल्याई भैण नेग
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
गां बांधण नै ल्याई हूं खूंटा, सामण झूलण नै रस्सा
हाल मेरा जा सुनरे से कहिओ
नणन्द भावज का था प्यार दोनों रल कातती
नणन्द भावज का था प्यार दोनों रल कातती
काढो नणन्द लाम्बे लाम्बे तार दोनों रल बतलावती
जै नणन्दल हो जायगी धी दयांगे गल का झालरा
जै नणदल हो ज्यागा पूत दयांगे री जगमोतियां
दर्द ऊठे आधी रात सुरत सुरत गई नणन्द मैं
नाई बेटा बेग बला ल्यादे रे मेरी नणन्द नै
कै रै नेाई के बात क्या मिस आ गया
थारे जीजी होया सै भतीजा तनै लेण आ गया
उठी नणन्द आधी रात ने दिन लिकाड्या आपणे देस मैं
देख नणन्द जी का रूप भावज मेरी हंस पड़ी
आरी नणन्द मेरी बैठ मूढ़ा री घालूं बैठण नै
मुड़ तुड़ लागूं तेरे पाएं भतीजा तेरी गोद मैं
ले ल्यो नणन्द गल का झालरा लिखो कोले साथियां
झालरे ने पहरै मेरी भावज ल्यांगे री जगमोतियां
लै ल्या नणन्द हार सिंगार लिखो री कोले साथियां
सिंगार करैगी मेरी भावज ल्यांगें री जगमोतियां
ले ल्यो नणन्द रूंढी भैंस लिखो कोले साथियां
रूंढी ने दुवै मेरा भाई ल्यांगे री जगमोतियां
ले ल्यो नणन्दल ठाडी घोड़ी लिखो कोले साथियां
घोड़ी पै चढ़ैगा मेरा बाबल ल्यांगे री जगमोतियां
ले ल्यो नणन्दल धौले नारे लिखो कोले साथियां
नार्यां ने जोड़े मेरा बीर ल्यांगे री जगमोतियां
जलाओ हठीली का बीर, हठीली हठ कर रही
तड़क धड़क बोल्या सै बीर दे दे नै जगमोतियां
जीओ मेरी मां का जाया बीर मेरा री मन राखियां
बीरा मेरा री घर का सेर, भावज घर की कूतरी
बीरा मेरा सिर का मोड़, भावज मेरी पांयां खौंसड़ी
पलंग पर खेल रहो मेरो नन्दलाल
पलंग पर खेल रहो मेरो नन्दलाल
आओ दाई माई तुम भी खेलाओ
ये दाई माई बोल रहो मेरो नन्दलाला
आरो री सासु राणी तुम भी खेलाओ
ये दादी दादी बोल रहो मेरा नन्दलाल
आओ री जेठाणी राणी तुम भी खेलाओ
ये ताई ताई बोल रहो मेरो नन्दलाला
आओ री देवराणी राणी तुम भी खेलाओ
ये चाची चाची बोल रहो मेरो नन्दलाला
आओ भी नणद राणी तुम भी खेलाओ
ये बूआ बूआ बोल रहो मेरो नन्दलाला
पायां में पैजणियां लाला छुन्नक डोलेगा
पायां में पैजणियां लाला छुन्नक डोलेगा।
हरी जरी की टोपली बजार तक डोलेगा।
दादा कह के बोलेगा दादी की गोद खेलेगा।
पाया में पैजणियां लाला छुन्नक छुन्नक डोलेगा।
ताऊ कहके बोलेगा ताई की गोद खेलेगा।
पाया में पैजणियां लाला छुन्नक छुन्नक डोलेगा।
पांच मोहर का साहबा! पीला मंगाद्यो जी
पांच मोहर का साहबा! पीला मंगाद्यो जी।
कोई पांच पचीसी गढ़ बी सी गाढा मारू जी।
गाढा मारू जी पीला रं गद्यो जी।
किन म्हारी भोली साधण ल्याय दिखाया जी।
किन थारे आल लगाई जी।
गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी।
छोटी सी नणदल, साहबा! आल लगाई जी।
अल्ले तै पल्ले साहबा! मोर पपेया जी।
बीच बीच लाल हजारी जी।
गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी।
कोए सास नणद मुख जोड्या जी।
गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी।
आंख ना खोले जच्चा मुख तै ना बोले जी।
कोए जच का राजन कुम्हला डोले जी।
गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी।
दिल्ली सहर तै साहबा! बैद बुलाद्यो जी।
कोए जच की नाड़ी दिखाद्यो जी।
गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी।
झाडै तो झाडै रे बैदा रोक रुपैया जी।
कोए जच्चा के जीव की बधाई जी।
गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी।
आंख्यां भी खोले जच्चा मुख से भी बोले जी।
कोई जच्चा का राजन हंसता डोले जी
मैं मन ल्यूं थी म्हारा सुघड़ साहबे का जी।
कोए प्यारी सू के दुप्यारी जी।
गाढा मारू जी पीला रं गाद्यो जी।
पड़दा ओल्है जच्चा बोलै राजन उरै बुलाओ जी
पड़दा ओल्है जच्चा बोलै राजन उरै बुलाओ जी
राजन उरै बुलाओ जी
झूमदा झामदा राजन आया हम नै क्या फरमाओ जी
हम नै क्या फरमाओ जी
सूंठ तो सठवा की ल्यावो खांड तो खंडवा की ल्यावो
घीव तो सुरही का ल्यावो मेवा तो काबुल का ल्यावो
गून्द तो अजमेरी ल्यावो इतना सौदा ल्यावो जी
इतना सौदा ल्यावो जी
सौदा ल्याय आंगण बिच ऊम्या सौदा किसने सौंपा जी
सौदा किसनै सौंपा जी
सास नणद का नहीं भरोसा भीतर ही लै जाओ जी
भीतर ही लै जाओ जी
दोनूं मिलकै फोड़न लाग्गै सूंठ भड़ाभड़ फोड़ी जी
सूंठ भड़ाभड़ फोड़ी जी
दोनूं मिलके पीसण लाग्गै भारी चाकी फेरी जी
भारी चाकी फेरी जी
दोनूं मिलकै लाडू बांधै बड़े बड़े लाडू बांधै जी
बड़े बड़े लाडू बांधै जी
लाडू बान्धै (पति) जीभ सम्भालै इक लाडू दबकावै जी
इक लाडू दबकावै जी
सुन सुण जी म्हारे राजदिवाने चोरी ना खट्टयावै जी
चोरी ना खट्टयावै जी
राजा जी जाय बजार में बैठे आ आ लड़ैं बिलाई जी
आ आ लड़ैं बिलाई जी
प्यार मित्तर न्यू उठ बोले या के कुबध कमाई जी
या के कुबध कमाई जी
म्हारी धण नै बेटा जाया लाडूडा बन्धवाया जी
लाडूडा बन्धवाया जी
ये लडै मेरी सुसरी बिलाई हमनै ना चखाया जी
हम नै ना चखाया जी
पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पाणी नै चाली जी
पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पाणी नै चाली जी
सास नणद मुख मोड्या जी
पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पानी नै चाली जी
सारै सहर नै सराई जी
के पीला तेरी माय रंगाया जी
के ननसालै तै आया जी
ना पीला मेरी माये पुचाया जी
ना मेरी ननसालै ते आया जी
म्हारी सासू का जाया जी
म्हारी नणदी का बीरा जी
ऊं नै म्हारी साध पिराई जी
पीला तै ओढ म्हारी जच्चा मुढ़लै पै बैठी जी
जच्चा आंखा ना खोलै जी
दिल्ली सहर तै साएबा बैद बुला द्यो जी
जच्चा की नाड़ी दिखा द्यो जी
जच्चा का राजन बिलक्या डोलै जी
ताप नहीं इसके सिरवा नहीं सै जी
छठै महीने इसनै आसा बन्धी सै जी
पड़दे के औले जच्चा बोले
क्यूं लुटाओ सारे घर नै जी
पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पानी नै चाली जी
बड़ए बगड़तै सती राणी नीसरी भर गोबर की हेल
बड़ए बगड़तै सती राणी नीसरी भर गोबर की हेल
गोबर छिड़का भोली रााी भोंपड़ी धरती में हुवाए लिपाव
बड़ए बगड़तै सती रानी नीसरी भर गीव्हां की हेल
गीहव छिड़का भोली राणी भोंपड़ी धरती में राख्यो ए बीज
बड़ाए बगड़तै सती राणी नीसरी भर लोटा जल नीर
गड़वा तो छिटका भोंपड़ी धरती हुयाए सिलाव
मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय
मन खोल के मांगो नन्दी लेना हो सो लेय
जेवर मत मांगो नन्दी डिब्बों का सिंगार
जेवर में से आरसी दूंगी छलला लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
तीयल मत मांगे नन्दी बुगचे का सिंगार
कपड़े में मैं अंगिया दूंगी मुलकत लूंगी निकाल
मन खोल के मांगो...
बर्तन मत मांगो नन्दी चौके का सिंगार
बर्तन में मैं कटोरा दूंगी तल्ला लेऊं निकाल
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये सेर, मेरा री मन बेरां नै।
मन्नै सुसरा घाल्या री लेण ने, वोह तो चौधर आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै जेठा घाल्या री लेण ने, वोह् तो घोड़ी आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै देवर घाल्या री लेण ने, वोह तो खुलिया आया जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै कन्ता घाल्या री लेण ने, वोह् तो गोरी आय जितवाए,
कराले के बाग में।
मन्नै भावें कराले के बेर रुपये के सेर, मेरा री मन बरां नै।
मांगो मांगो म्हारी नणन्द थारा मांगण का ब्योहार
मांगो मांगो म्हारी नणन्द थारा मांगण का ब्योहार
ऐसी चीज मत मांगो म्हारे गैणे का सिंगार
इस गैणे में की गूठिया नणदिया नै द्यो
इस गुट्ठी का नगीना राजा काढ क्यूंनां ल्यो
मांगो मांगो म्हारी नणदी थारा मांगण का ब्योहार
ऐसी भैंस ना मांगो जिससै म्हारा लैंडा बिगड़ै
इन भैंस्यां मां का काटड़ा म्हारी नणदिया ने द्यो
काटडे का जेवड़ा राजा काढ क्यूंनां ल्यो
मांगो मांगो म्हारी नणदी थारा मांगण का ब्योहार
ऐसी तील मत मांगो म्हारे पणघट का सिंगार
इन तीलां कै मां का घागरा नणदिया ने द्यो
इस घाघरे का लामण राजा पाड़ क्यूंनां ल्यो
मेरा पिरस चढन्ता सुसरा न्यू कवै
मेरा पिरस चढन्ता सुसरा न्यू कवै
बहुवड़ एक लाडूडा हमनै द्यो चरचरी सूंठ का
सुसरा फोडूं तै दूखै मेरी आंगली
साबत दिया ना जा लाडूडा चरचरी सूंठ का
मेरा धार कढन्ता जेठा न्यूं कवै
बहुवड़ एक लाडूडा हमनै द्यो चरचरी सूंठ का
जेठा फोडूं तै दूखै आंगली
साबत दिया ना जा लाडूडा चरचरी सूंठ का
मेरा खुलिया खेलन्ता देवर न्यू कवै
भावज एक लाडूडा हमनै द्यो चरचरी सूंठ का
देवर फोडूं तै दूखै आंगली
साबत दिया ना जा लाडूडा चरचरी सूंठ का
मेरा महल चढन्ता कन्था न्यूं कवै
गौरी एक लाडूडा हमनै द्यो चरचरी सूंठ का
पीया कोठी नीचै झाकरा मन मांगै जीब खा
बगड बखेरूं तेरा झाकरा मेरे बाबल का मार्या सै मान
मेरे भाई का मार्या सै मान लाडूडा चरचरी सूंठ का
मेरा भंवर ने भेजी निसानी एक ताला एक छुरी
मेरा भंवर ने भेजी निसानी एक ताला एक छुरी।
मेरा दिल मांगे हरी हरी फली
सास, दिल मांगे हरी हरी फली
ताला तो मेरा घर रखवाला छुरी बनारै फली।
मेरा दिल मांगे हरी हरी फली
सास, दिल मांगे हरी हरी फली
सास दिल मांगे ताजा फली।
जब उन फलियां नै चीरण बैठी सास नगोड़ी जली।
जब उन फलियां ने जीमण बैठी, दुराणी जिठानी जली।
मेरा दिल मांगे हरी हरी फली
खेतां तै घरवाला आया खूब दड़ाहड़ दई।
दुराणी जिठानी बोली मारै, फिर भी खागी फली।
मेरा दिल मांगे हरी हरी फली
मैं आई थी मीठियां की लालच
मैं आई थी मीठियां की लालच
फीकी दे भुला दई।
मैं आई थी गेहुआं की खात्तर
बाजरा की दे भुला दई।
मैं आई थी घणियां की खात्तर
दो दो दे भुला दई।
मैं तो थारा हाजिर बन्दा जी, हमारी धन रूस क्यों गई
मैं तो थारा हाजिर बन्दा जी, हमारी धन रूस क्यों गई
कहो तो अम्मां बुलावैं जी, कहो तो चढ़वा हमीं चढ़ावैं जी
हमारी धन रूस क्यों गई
कहो तो भाभी बुलावै जी, कहो तो मंज्जा हमीं बिछावैं जी
हमारी धन रूस क्यों गई
कहो तो दौरानी बुलावैं जी, कहो तो दिया हमीं जलावैं जी
हमारी धन रूस क्यों गई
कहो तो बीबी बुलावैं जी, कहो तो सतिये हमीं धरावैं जी
हमारी धन रूस क्यों गई
कहो तो दाई बुलावैं जी, कहो तो बच्चा हमीं जनावैं जी
हमारी धन रूस क्यों गई
कहो तो बांदी बुलावैं जी, कहो तो पोतड़े हमीं धौवैं जी
हमारी धन रूस क्यों गई
मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना
मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना।
मेरी सास बुलाई ना मेरो नार छुआओ ना।
मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना।
तेरी सास बुला दूंगा तेरी नार छुआ दूंगा।
मैं तो हरदम ताबेदार गोरी हर दम ताबेदार।
मेरी जेठाणी बुलाई ना मेरो पलंग निवायो ना।
मैं तो रूस रहूंगी बालम हरगिज बोलूं ना।
तेरी जेठाणी बुला दूंगा तेरो पलंग निवा दूंगा।
मैं तो हर दम ताबेदार गोरी हर दम ताबेदार।
रसीणे के कमरे में जच्चा हमारी री
रसीणे के कमरे में जच्चा हमारी री
री जच्चा राणी सोच मत करणा
दाईये बुलावैगा जेठ तुम्हारा
री जच्चा राणी फिकर मत करणा
दीवला बालेगी सास तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
पीलंग बिछावैगी जेठाणी तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
थाल बजावैगी दुराणी तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
चूची धुवावैगी नणन्द तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
सथिये लगावैगी बामणी तुम्हारी
री जच्चा राणी सोच मत करना
होम करावैगा ससुरा तुम्हारा
री जच्चा राणी सोच मत करना
रहो रहो बांझड़ली दूर रहियो
रहो रहो बांझड़ली दूर रहियो
तेरी ए तेरी लावण सै म्हारे फल झड़ै
रहो रहो तूंबड़ली गरब मत बोल
हम हां ए हम भाई भतीजा आली
भाई ए भतीजा तेरी भाए सपूती
तेरे ए तेरे हिबड़ै बांझल दौं बलै
राजा जी जे थारै जन्मैगा पूत
राजा जी जे थारै जन्मैगा पूत मोहर हम पचास लेवां --
हां जी हां।
राजा जी जै थारे जन्मैगी घी ओढां हम चुंदड़िया --
हां जी हां।
राजा जी कौल बचन कर लो जी याद मोहर पचास हम लेवां --
हां जी हां।
दाइए! पूत जन्मा हमारी नार, तेरा दाई क्या रे लेया --
हां जी हां।
राजा जी दोए बरस की सै बात दाई कै पैरां फेर पड़ो --
हां जी हां।
राजा जी मेंह अन्धेरोड़ी रात चतर दाई कैसे चले --
हां जी हां।
दाइए! छिन्न भिन्न बरसैं मेह, ओढो थारी घाघरी --
हां जी हां।
राजे गंगा किनारे एक तिरिया सू ठाड़ी अरज करे
राजे गंगा किनारे एक तिरिया सू ठाड़ी अरज करे
गंगे एक लहर हमें देऊ कि जा में डूब जाइयों
कै दुख री तोहे सासुरी सुसर को कै तेरे पिया परदेस
के दुख री तेरे मात पिता को के मां जाये बीर
काहे दुख डूबियो
ना दुख री मोहे सासुरी सुसर कऊ ना मेरे पिया परदेस
ना दुख री मोहे मात पिता को ना मा जाये बीर
सासु बहु कहि नाए बोले ननद भाभी ना कहे
ना हो राजे वे मोहे बांझ कहीं टेरै सो काटो गई
वृन्दावन से चलिये गवन्त्री
वृन्दावन से चलिये गवन्त्री, कजरी बन में आई, मेरे राम।
कजरी बन में सिंह धडू कै, गैया सिंह ने घेरी, मेरे राम।
सुन रे सिंहनी जाये, मुझे मत भछियो घर में बछडू रांभै, मेरे राम।
चांद सूरज मेरे साक्सी होइयो, बछडू चूंघातेई आऊं, मेरे राम।
गंगा जमुना मेरे साक्सी होइयो, बछडू चूंघातेई आंऊं, मेरे राम।
कजरी बन ते चली गवन्त्री, वृन्दावन में आई, मेरे राम।
ले रे बछडू दुधवा पी ले, बचनों की बांधी माय, मेरे राम।
बचनों का दूध अम्मा हरबी न पीऊं चलूंगा तुम्हारे साथ, मेरे राम।
आगे बछडू पीछे गवन्त्री, कजरी बन में आई, मेरे राम।
ले रे मामा मुझे भछण कर ले, पीछे गवन्त्री माय, मेरे राम।
काहे का मामा काहे का भानजा, काहे की गवन्त्री भैन, मेरे राम।
सत का माता, धरम का भानजा, नेम की गवन्त्री भैन, मेरे राम।
अपने भानजे को मैं लाख टके दूंगा, अतलस मसरू भैन, मेरे राम।
लेई लाय कै चली गवन्त्री, वृन्दाबन में आई, मेरे राम।
किसने रे बेटा सिख बुध दीनी, किने पड्ढाये चटसाल, मेरे राम।
सोने से भरे बेटा! खुद मुढ़वा दूं, रूपे से दोनों सींग, मेरे राम।
अपने बेटा पे मैं सब कुछ वारूं, ऐसा मीठा बोल, मेरे राम।
ससुर जी आगे सात प्रणाम
ससुर जी आगे सात प्रणाम
बहुअड़ नै भावैं फालसे जी राज
बागां री मेवा खाओ म्हारी बहुअड़
कोई बागां में नहीं फालसे जी राज
जेठ जी आगे सात प्रणाम
बहुअड़ नै भावैं फालसे जी राज
भैसड़ दूधा पीयो बहू म्हारी जी
अब नहीं रितु है फालसे जी राज
देवर जी आगे सात प्रणाम
भाभी नै भावैं फालसे जी राज
देस्यां भाभी! निंबुड़े चुखाये
कोई बागां में नहीं फालसे जी राज
राजा जी आगे सात प्रणाम
गोरी नै भावैं फालसे जी राज
पांच पियादे तो दस असवार
राजा जी चले बाग में जी राज
साथिड़े तोड़ै दाड़िम दाख जी
राजा जी तोड़ै फालसे जी राज
तोड़ ताड़ै कर बांधी चौपट पांड
जी कोई लाये महल में जी राज
खाओ सखियां खाओ घर की नार
बाकी के सइयां बांट दो जी राज
थम चिर जिओ ससुरा रे जी पूत
म्हारी भलीय पुजाई मन रली जी राज
थम चिर जिओ सजनिया री धीय
म्हारा बंस बधाया बाप का जी राज
सासू म्हारी आवै
सासू म्हारी आवै
दिवला जगाई मांगे
दे द्यो नै उनका बी नेग
जी म्हारे भोले राजा
कान्यां तै पतले राजा
फूलयां तै हलके राजा
मोती तै उजले राजा।
जिठाणी म्हारी आवै
पिलंग बिछाई मांगे
दे द्यो नै उनका बी नेग
जी म्हारे भोले राजा
कान्यां तै...
नणदल म्हारी आवै
चूची धुआई मांगे
दे द्यो नै उनका बी नेग
जी म्हारे भोले राजा
कान्यां तै...
फूफस म्हारी आवै
सथिए धराई मांगे
दे द्यो नै उनका बी नेग
जी म्हारे भोले राजा
कान्यां तै...
दुराणी म्हारी आवै
पंखा ढुलाई मांगै
दे द्यो नै उनका बी नेग
जी म्हारै भोले राजा
कान्यां तै...
सिया खड़ी पछताय कुस बन में हुए
सिया खड़ी पछताय कुस बन में हुए
जो यहां होती ललना की दाई
ललना देती जमाय सूरज देती पजाय
मुन्ना लेती खिलाए। कुस बन में हुए।।
जो यहां होती ललना की नायन
मंगल देती गवाय चौक देती पुराय
न्हान देती नहलाय। कुस बन में हुए।।
जो यहां होती ललना की दादी
चरुए देती धराय, खुसियां लेती मनाय
बाजे देती बजवाय। कुस बन में हुए।।
जो यहां होती ललना की चाची
पलंगा देती बिछाय दीपक देती जलाय
घुट्टी देती बनाय। कुस बन में हुए।।
जो यहां होती ललना की ताई
ललना लेती खिलाय मोहरें देती लुटाए
नेग देती दिलाय। कुस बन में हुए।।
जो यहां होती ललना की बुआ
सतिये देती धराय काजल देती लगाय
दूध देती पिलवाय। कुस बन में हुए।।
सुसरै जी से अरज करूं थी
सुसरै जी से अरज करूं थी
मन्नै हरी हरी दाख मंगाद्यो जी
बहू इस रुत मैं दाख नहीं सै
मेवा मिसरी खाल्यो जी
बालम जी से अरज करूं थी
मन्नै हरी हरी दाख मंगाद्यो जी
ओ गए पंसारी की दुकान पै
ल्याए हरी हरी दाख तुला कै
खा कै सोई पिलंग पै
बालम तै कर री बात बड़े प्यार तै
जो गोरी थम छोरी जणोगी
बुरी बात करो गी हम तै
जो गोरी थम पुत जणोगी
दाख मंगा द्यूं और कहीं तै
हम धनी जी खिचड़ी की साध
हम धनी जी खिचड़ी की साध
खिचड़ी हाल मंगा द्यो जी।
खिचड़ी हे गोरी मायड़ भावज पै मांग
हम पै मेवा मीसरी जी।
हम धनी जी पीला की साध
पीला हाल मंगा द्यो जी।
पीला ए गोरी मायड़ भावज पै मांग
हम पै नौरंग चूंदड़ी जी।
हम धनी जी खिचड़ी की साध
खिचड़ी हाल मंगा द्यो जी।
हां जी बमण बैठो अंगणा धी रै जमूंगी बमणा
हां जी बमण बैठो अंगणा धी रै जमूंगी बमणा
के सरिआ मारू के होलरा हो ललणा
धी रै जणै तेरी अगड़ पड़ोसण देवर जेठानी
तैं जणेगी ललणा
केसरिआ मारू .......
ये नो ये दस मास होए सै जाम दिश ललणा
केसिरआ मारू ....
(अन्य संबंधियों के नाम लेकर इसे आगे बढ़ा लिया जाता है)
हांसी सहर से पाते मंगवा दो
हांसी सहर से पाते मंगवा दो
सिरसे के छीपी से रंगवा दो
गाढ़ा मारा जी पीलो रंगवा दो
पीलो ओढ़ म्हारी जच्चा पाणी ने चाली
लाल पड़ोसिन मुख मोड़ा
गाढा मारा जी पीलो रंगवा दो
एडा तो शेड़ा साहबा मोर पपीहा
घूंघट पर सान्ती ओम लिखा दो
पति प्यारा जी पीलो रंगवा दो
पीलो ओढ़ म्हारी जच्चा खेत ने चाली
ननद जेठानी बिलराव
पति प्यारा जी पीलो रंगवा दो
हे री खत भेज रही पीहर मैं
हे री खत भेज रही पीहर मैं
रे बीरा छूछक ल्याइए रे
सास का ल्याइयो रे बीरा
मेरा सुसरे का ल्याइयो रे
चूँदड़ी जरद रंगाइयो रे
चीट्ठी भेज रही...
जेठाणी का ल्याइरो रे बीरा
मेरा जेठ का ल्याइयो रे
रे मेरा देवर सै हुंसिआर
गेंद उसकी बी ल्याइयो रे
चीट्ठी भेज रही...
रे मेरे चंचल बीरा
बलम का साफा हर्या रंगाइयो रे
हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के
हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के।
ताऊ भी रहसा बाबा भी रहसा,
रहसा सब परिवार मेरे ललना का,
हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के।
जीजा जी रहसा मामा भी रहसा,
रहसा सब परिवार मेरे ललना का,
हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के।
बूआ लाई उसका कुर्ता टोपी,
फूफा लाया गलहार मेरे ललना का,
हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के।
मामी तो लाई उसका घोड़ा डोला,
मामा लाया जोड़े साथ मेरे ललना के,
हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के।
नाना आये उस पै मोहरें बारीं,
नानी ने भेजी मोती माल मेरे ललना की,
हैं घूंघर वाले बाल मेरे ललना के।
होलर कहै री अम्मा! तुझे झुंझणा मंगा दे
होलर कहै री अम्मा! तुझे झुंझणा मंगा दे।
चल बिसाती की दुकान रे लला! तुझे झुंझणा मंगवा दूं।
इस झुंझणा दूजा लट्टू रे लला! तीजी फिरकी दिला दूं।
होलर कहै री अम्मां! तुझे टोपी सिला दे।
चल दरजी की दुकान रे लला! तुझे टोपी सिला दूं।
इस टोपी दूजा झूगला रे लला! तीजी कछनी सिला दूं।
होलर कहै री बूआ! मेरा ब्याह करवादे।
चल मामा के बार रे लला! तेर ब्याह करवा दूं।
एक नानी दूजी मामी रे लला तीजी मोसी ब्याह दूं।
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