देवी माँ के गीत : हरियाणवी लोकगीत Devi Maan Ke Geet : Haryanvi Lok Geet

  अजी सुन्दर गल में माल मात

अजी सुन्दर गल में माल मात, तेरी सुन्दर सिंह सवारी है।

सुन्दर लौकड़िया खड़ा तेरे, सुन्दर भैरों बलकारी है।।

सुन्दर चौरासी भवन तेरे, सुन्दर जगजोत तिहारी है।

सुन्दर तेरे चरण निरख माता, दुरवासा रिसी बलिहारी है।।


 ऊँचा री कोट सुरंग देवी जालमा

ऊंचा री कोट सुरंग देवी जालमा हरियल पीपल तेरे बार मेरी माय

हरियल पीपल पड़ी ए पंजाली तैं तो झूलै आज भवानी मेरी माय

कौन जै झूले मइया कौण झुलावै कौण जै झोटे देवै मेरी माय

देरी री झूलै मइया लोकड़िया झुलावै धणराज झोटे देवै मेरी माय

सीस राणी तेरे स्यालू री सोहै ऊपर जरद किनारी मेरी माय

हाथ राणी तेरे महंदा सोहै पोरी पोरी छलले बिराजैं मेरी माय

पैर राणी तेरे पायल सौहे बिछवे रुण झुण बाजे मेरी माय

सोवै के जागै मेरी सात भवानी तेरी सात सवाई मेरी माय

इब के तो गुनाए बकस मेरी जालमा तेरै जैजै करदा आऊं मेरी माय

बेटे री पोते मइया साथ री ल्याऊं नंगे पैरें आऊ मेरी माय


 करूं कढ़ाई गुलगुला सेढल माता धोकन जाय

करूं कढ़ाई गुलगुला सेढल माता धोकन जाय।

इब म्हारी सेढल माता राज्जी होय।

दादी दायला फूल्या नहीं समाय।


 देवी के पर्वत चड़ती चौलण पाट्या ए मां

देवी के पर्वत चड़ती चौलण पाट्या ए मां।

कै गज चौलन पाट्या के गज रह्या ए मां।

दस गज चौलन पाट्या नौ गज रह्या ए मां।

काहे की तो सुई री मंगाऊं काहे का तागा ए मां।

सार की तो सुई री मंगाऊं रेसम का तागा ए मां।


 नगरकोट में बासा राणी

नगरकोट में बासा राणी

तेरे कला कुल जग नै जाणी

कथा बखाणै बिरमा ज्ञानी

दुआरे तेरे पीपल री खड़ी

मुगला उतर्या सतलज नदी

सूती हो उठ री नदी

लौकड़ लहीं खड्या है झंडी

जिब जाला नै चकर चलायी

फौज मुगल की काट बगाई

मुगल कहै मन्नै बकसो माई

जिब जाला की करी चढ़ाई

खीर खांड के थाल भराए

धजा नारियल लेकर आये

मुगला भेंट ले कै री आया

जिब लौकड़ नै कथा सुनाई

सूती उठ जाग री माई

मुगल भेंट भवन तेरे में लहें री खड़ा

धजा नारियल भेंट चढ़ाई

लौकड़िया तेरे अगवाणी खड़ा


 नमो नरंजन मात भवानी

नमो नरंजन मात भवानी, सदा रंगीला तेरा भवन

तेरे दरस को रिसी मुनि आए, दूर-दूर तै करके गवन

कोए समरधा लावै समाधी, कोए समरधा साधै पवन

तेरे दरस को...


ग्यान बूझ की तैं मेरी जवाला, तेरै बरोबर और न कोए

सुख संपत की तैं मेरी देवै, तेरै बरोबर और ना कोए

सेवत राम तरा जस गावै, हाथ जोड़ कै कर गवन

तेरे दरस को...


 पहल सारदा तोहे मनाऊं

पहल सारदा तोहे मनाऊं तेरी पोथी अधक सुनाऊं

मोरधज से राजा भारी लड़का लिया बला

सीस धर भरी करौती भगत ने हेला दे बलवाया

धर रे दीनानाथ पार तेरा ना किसी ने पाया


धानू बोया खेत बीज नै आप्पै चाब्बा

लोग करै गिल्लान ऊपरा तोता भया

अरे भगत ने बिना बीज निपजाया

धर रे दीनानाथ पार तेरा ना किसी ने पाया


दीना अवा लगा आंच अवा में डारी

मंझारी के बच्चे चण दिये चार कूंट का करै कुम्हारी

कुल कै लाग्या दाग आप उतरे गिरधारी

अरे भगत ने बच्चा का सो बरतन कच्चा पाया

धर रे दीनानाथ पार तेरा ना किसी ने पाया


ताता खंभ कर्या तेरा कित ग्या भाई

देख खंभ की राह खड्या तुरग बहराई

अरे खम्भ पै कोड़ी नाल दरसाया

धर रे दीनानाथ पार तेरा ना किसी ने पाया


 पहले आवै री माता जुलजुली

पहले आवै री माता जुलजुली

पाछे हलहल ताप

सच्ची सेढ़ मसाणिया

हाड़ खिणै खिणै माता निकले

मोती की हुणियार

सच्ची सेढ़ मसाणिया

मेर करेगी री माता आपणी

पाल्ले जूं झड़ जाय

सच्ची सेढ़ मसाणिया

तन्नै ध्यावै री माता दो जगे

एक पुरुस दूजी नार

सच्ची सेढ़ मसाणिया

पुरस करेगा री माता बिनती

वा धण लागै तेरे पांय

सच्ची सेढ़ मसाणिया


 माता! किन तेरा बाग लगाइयां

माता! किन तेरा बाग लगाइयां किन तेरा सींजा सै पेड़।

माली के नै बाग लगाइयां मालण सींजा सै पेड़।

सोवे सोवे हे मजेन्दरा राणी नीन्द मैं।।

माता किन तेरी डाल झुकाई अर किन तेरा तोड़ा सै फल।

माली कै ने डाल झुकाई मेरी मालन तोड़ा फल।

सोवे सोवे हे मजेन्दरा राणी नीन्द में।।

माता! बालक छेल गाल मकें खेलैं चढ़गा ताप।

माता! लकड़दी माता न्यूं लकड़ जनों बाजरीया की हुनियार

सोवो सोवो हे बसन्ती राणी नीन्द में।।

माता! भरदी माता न्यूं भरै जणों पील्हां की हुनियार।

सोवो सोवो हे गुमाणन राणी नीन्द में।।

माता! ढलदी माता न्यूं ढल जणों पालै ज्यूं झड़जाए।

सोवो सोवो हे बसन्ती राणी नीन्द में।।


 मुझ सेवक की लाज राख

मुझ सेवक की लाज राख जगदम्बा बेरी आली हे

मात संत हितकारी करी तन्नै सिंह सवारी हे

मात सदा तेरे पै छत्र सुवर्ण साजै

नगरकोट तज मेले के दिन बेरी आन बिराजै


 मैया राणी! मसाणी सेढ मनाहीं सां

मैया राणी! मसाणी सेढ मनाहीं सां

मैया! जै मेरी परोब सीख तो मर कंडबारो धोकसां

मैया! दरिया बहवै तेरे बार मलमल न्हाय सां

मैया! किक्करियंा को बाग तेरे बार छांय बलाई सां

मैया! काली सी कुत्ती तेरे बार टळूक गिराई सां

मैया! काला सो गधो तेरे बार दाल चराई सां


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